NSA Ajit Doval Visit Russia: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार (12 सितंबर) को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (NSA Ajit Doval) से मुलाकात की। यह मुलाकात ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के एक सम्मेलन से अलग गुरुवार शाम को हुई। रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने इस दौरान कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस साल के अंत में कजान में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (BRICS Summit in Kazan) में भाग लेने का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन आयोजित करने का प्रस्ताव रखा है।
रूसी सरकारी मीडिया आउटलेट Sputnik और TASS की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने डोभाल के साथ अपनी बैठक के दौरान पीएम मोदी के साथ बातचीत की अपनी इच्छा व्यक्त की। रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने डोभाल से कहा, "मैं कजान में पीएम मोदी का इंतजार कर रहा हूं। मैं 22 अक्टूबर को उनके साथ द्विपक्षीय बैठक का प्रस्ताव रखता हूं।"
विदेश मंत्रालय ने साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने गुरुवार को सेंट पीटर्सबर्ग में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। डोभाल ब्रिक्स (BRICS) और ब्रिक्स प्लस (BRICS Plus) उच्च-स्तरीय सुरक्षा अधिकारियों की बैठक में भाग लेने के लिए सेंट पीटर्सबर्ग में हैं, जो 10-12 सितंबर तक आयोजित की जा रही है। इस यात्रा के दौरान यूक्रेन में युद्ध और शांति प्रयासों पर चर्चा की भी उम्मीद है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "एनएसए डोभाल ने राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की। रूस में उनके अन्य कार्यक्रम भी हैं।" रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि चीन, भारत और ब्राजील यूक्रेन पर संभावित शांति वार्ता में मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते हैं।
डोभाल की ये रूस यात्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूक्रेन की राजधानी कीव की हाई प्रोफाइल यात्रा के ढाई हफ्ते बाद हुई है। राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से बातचीत में पीएम मोदी ने कहा था कि युद्ध को खत्म करने के लिए यूक्रेन और रूस दोनों को बिना समय गंवाए बैठकर बात करनी चाहिए। भारत क्षेत्र में शांति बहाल करने में सक्रिय भूमिका निभाने को तैयार है।
प्रधानमंत्री ने कहा था कि संघर्ष की शुरुआत से ही भारत शांति का पक्षधर रहा है। उन्होंने कहा था कि वह संकट के शांतिपूर्ण समाधान के लिए व्यक्तिगत रूप से भी योगदान दे सकते हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मॉस्को में शिखर वार्ता के छह हफ्ते बाद पीएम मोदी ने यूक्रेन की यात्रा की थी। वर्ष 1991 में यूक्रेन के स्वतंत्र होने के बाद से किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली यूक्रेन यात्रा थी।
भारत रोक सकता है यूक्रेन-रूस युद्ध?
पिछले कुछ दिनों से रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ताओं को गति देने में भारत की संभावित भूमिकाओं पर चर्चा हो रही है क्योंकि भारत के दोनों देशों के साथ अच्छे रिश्ते रहे हैं। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने पिछले हफ्ते को जेलेंस्की के साथ बातचीत के बाद कहा था कि भारत और चीन युद्ध खत्म करने के लिए समधान तलाशने में भूमिका निभा सकते हैं।
वहीं, रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने भी पिछले गुरुवार को रूसी शहर व्लादिवोस्तोक में पूर्वी आर्थिक मंच में एक पैनल चर्चा में संभावित मध्यस्थों में भारत, ब्राजील और चीन का नाम लेते हुए कहा था कि वे संघर्ष खत्म करने में भूमिका निभा सकते हैं।
उन्होंने कहा, "मैं अपने सहयोगियों चीन, ब्राजील और भारत के साथ संपर्क में हूं। मुझे पूरा विश्वास है कि इन देशों के नेता इसमें पूरी रूचि दिखाएंगे और मदद का हाथ आगे बढ़ाएंगे क्योंकि हमारे बीच विश्वास और भरोसे का रिश्ता है।"
रूस और यूक्रेन के बीच संभावित मध्यस्थ देश कौन कौन हो सकते हैं, इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने यह टिप्पणी की। बता दें कि इस मामले पर भारत यह कहता रहा है कि यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष का निश्चित रूप से वार्ता और कूटनीति के जरिए समाधान होना चाहिए।