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अमेरिका ने रची शेख हसीना को बांग्लादेश की सत्ता से हटाने की साजिश? पूर्व पीएम का दावा- US मांग रहा था सेंट मार्टिन आईलैंड

Sheikh Hasina alleges US: रिपोर्ट से पता चला है कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देने वाली शेख हसीना ने अपने पार्टी सदस्यों के खिलाफ हिंसा पर गहरा खेद व्यक्त किया है। सूत्रों ने कहा कि उन्होंने बांग्लादेश के प्रति अपने समर्पण की पुष्टि की है। अपने परिवार के बलिदानों का सम्मान किया है

Akhileshअपडेटेड Aug 11, 2024 पर 4:59 PM
अमेरिका ने रची शेख हसीना को बांग्लादेश की सत्ता से हटाने की साजिश? पूर्व पीएम का दावा- US मांग रहा था सेंट मार्टिन आईलैंड
Sheikh Hasina alleges US: पूर्व पीएम ने बांग्लादेशी नागरिकों को कट्टरपंथियों के बहकावे में आने से बचने की सलाह दी है(REUTERS File Photo)

Sheikh Hasina alleges US: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देने और फिर भारत भागने से पहले शेख हसीना राष्ट्र को संबोधित करना चाहती थीं, लेकिन उनके खिलाफ हिंसक सरकार विरोधी प्रदर्शनों के कारण सेना ने उन्हें ऐसा करने की अनुमति नहीं दी। अब, 76 साल की अवामी लीग की नेता शेख हसीना ने अमेरिका के खिलाफ एक चौंकाने वाला आरोप लगाया है, जिसमें संकेत दिया गया कि वाशिंगटन की उन्हें पद से हटाने में भूमिका हो सकती है। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कथित तौर पर अमेरिका पर आरोप लगाया है कि उसने उन्हें सत्ता से हटाने का प्रयास किया, क्योंकि उन्होंने सेंट मार्टिन आईलैंड पर नियंत्रण छोड़ने से इनकार कर दिया था।

पूर्व पीएम ने बांग्लादेशी नागरिकों को कट्टरपंथियों के बहकावे में आने से बचने की सलाह दी है। 'इकोनॉमिक टाइम्स' की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व बांग्लादेशी प्रधानमंत्री के करीबी सहयोगियों का हवाला देते हुए शेख हसीना ने कहा, "मैंने इस्तीफा दे दिया, ताकि मुझे शवों का जुलूस न देखना पड़े। वे छात्रों की लाशों पर सत्ता में आना चाहते थे, लेकिन मैंने ऐसा नहीं होने दिया, मैंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।" उन्होंने यह भी कहा कि अगर उन्होंने सेंट मार्टिन आईलैंड की संप्रभुता को त्याग दिया होता और अमेरिका को बंगाल की खाड़ी पर अपना प्रभाव जमाने दिया होता, तो वे "सत्ता में बनी रह सकती थीं।"

हिंसा पर जताया दुख

रिपोर्ट से पता चला है कि हसीना ने अपने पार्टी सदस्यों के खिलाफ हिंसा पर गहरा खेद व्यक्त किया है। सूत्रों ने कहा कि उन्होंने बांग्लादेश के प्रति अपने समर्पण की पुष्टि की है। अपने परिवार के बलिदानों का सम्मान किया है और स्थिति में सुधार होने पर वापस लौटने का वादा किया है। इसके अलावा, कोटा आंदोलन और छात्र विरोध के बारे में हसीना ने स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी भी छात्रों को रजाकार नहीं कहा। उनका मानना ​​है कि उनके बयानों को अशांति भड़काने के लिए तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया।

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