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PoK Protest: पीओके में हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बाद बिगड़े हालात, पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी में 12 प्रदर्शनकारियों की मौत

PoK Protest: पाकिस्तानी सुरक्षा बलों की गोलीबारी में 12 प्रदर्शनकारियों की अब तक जान जा चुकी है। पीओके हाल के वर्षों में सबसे बड़े अशांति के दौर से गुजर रहा है। सरकार द्वारा 38 प्रमुख मांगों को पूरा न करने के विरोध में 29 सितंबर को शुरू हुए ये विरोध प्रदर्शन सेना की ज्यादतियों के खिलाफ एक व्यापक आंदोलन में बदल गए हैं

Akhilesh Nath Tripathiअपडेटेड Oct 02, 2025 पर 3:49 PM
PoK Protest: पीओके में हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बाद बिगड़े हालात, पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी में 12 प्रदर्शनकारियों की मौत
PoK Protest: पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी में अब तक 12 प्रदर्शनकारियों की मौत हो चुकी है

PoK Protest: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (Pok) में पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन और हड़ताल गुरुवार (2 अक्टूबर) को लगातार चौथे दिन भी जारी रही। इस दौरान 12 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई है। जबकि कई अन्य घायल हो गए हैं। पाकिस्तानी सुरक्षा बलों की गोलीबारी में प्रदर्शनकारियों की जान गई है। पीओके हाल के वर्षों में सबसे बड़े अशांति के दौर से गुजर रहा है। सरकार द्वारा 38 प्रमुख मांगों को पूरा न करने के विरोध में शुरू हुए ये विरोध प्रदर्शन सेना की ज्यादतियों के खिलाफ एक व्यापक आंदोलन में बदल गए हैं।

29 सितंबर को विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से पीओके में बाजार, दुकानें और स्थानीय व्यवसाय बंद हैं। मोबाइल, इंटरनेट और लैंडलाइन सेवाएं भी पूरी तरह से बंद हैं। जम्मू-कश्मीर संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी (जेकेजेएसी) ने अपनी लंबित मांगों को लेकर इस हड़ताल का ऐलान किया थाहड़ताल के दौरान विरोधी समूहों ने एक साथ प्रदर्शन किए और एक-दूसरे पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़काने का आरोप लगाया।

'जियो न्यूज' की खबर के अनुसार, पाकिस्तानी सरकार ने जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच जेकेजेएसी को एक बार फिर बातचीत का प्रस्ताव दिया है। इन विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसक झडंप में तीन पुलिसकर्मियों की जान चली गई और 100 से अधिक लोग घायल हो गए। संघीय मंत्री तारिक फजल चौधरी ने बुधवार को बताया कि जेकेजेएसी की अधिंकाश मांगें पहले ही स्वीकार कर ली गई हैं। खबर में बताया गया कि मुजफ्फराबाद में दुकानें, होटल और सभी कारोबार बंद रहे। जबकि सड़कों से सार्वजनिक वाहन नदारद रहे।

गुरुवार को तीसरे दिन भी जारी इस अशांति में ददयाल में प्रदर्शनकारियों और सेना के बीच झड़प हुई। जबकि सरकार ने अशांति को शांत करने के लिए हजारों अतिरिक्त सैनिकों को भेजा। मुजफ्फराबाद के अलावा हिंसा रावलकोट, नीलम घाटी और कोटली तक फैल गई है।

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