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7th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों की कम्यूटेड पेंशन 15 साल के बजाय 12 साल में मिलेगी? सरकार को मिला प्रपोजल

7th Pay Commission: केंद्र सरकार को पेंशनर्स के लिए पेंशन की बहाली का पीरियड को मौजूदा 15 साल से घटाकर 12 साल करने का एक प्रस्ताव मिला है। यह मांग पिछले कई सालों से केंद्रीय कर्मचारी संघों और अन्य सलाहकार निकाय उठा रहे हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 05, 2024 पर 7:12 PM
7th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों की कम्यूटेड पेंशन 15 साल के बजाय 12 साल में मिलेगी? सरकार को मिला प्रपोजल
7th Pay Commission: केंद्र सरकार को पेंशनर्स के लिए पेंशन की बहाली का पीरियड को मौजूदा 15 साल से घटाकर 12 साल करने का एक प्रस्ताव मिला है।

7th Pay Commission: केंद्र सरकार को पेंशनर्स के लिए पेंशन की बहाली का पीरियड को मौजूदा 15 साल से घटाकर 12 साल करने का एक प्रस्ताव मिला है। यह मांग पिछले कई सालों से केंद्रीय कर्मचारी संघों और अन्य सलाहकार निकाय उठा रहे हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिले एक लेटर में संयुक्त सलाहकार मशीनरी (JCM) की राष्ट्रीय परिषद (स्टॉफ साइड) के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों से संबंधित अटके हुए मामलों को कवर करते हुए 14 डिमांड रखी हैं। इन मांगों में से एक यह है कि पेंशन के बहाली पीरियड को 15 साल से घटाकर 12 साल कर दिया जाए।

राष्ट्रीय परिषद जेसीएम केंद्र सरकार के कर्मचारियों का सर्वोच्च सलाहकार मंच है, जिसके अध्यक्ष कैबिनेट सचिव होते हैं। लेटर में कहा गया है कि राष्ट्रीय परिषद (JCM) के कर्मचारी पक्ष के सचिव के रूप में यह मेरा कर्तव्य है कि मैं कुछ प्रमुख मुद्दों पर आपका ध्यान आकर्षित करूं जो केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स के मन में हैं। इस साल की शुरुआत में अप्रैल में अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ ने भी सरकार को पत्र लिखकर इस मामले पर तत्काल कार्रवाई की मांग की थी।

रिटायरमेंट के समय केंद्र सरकार के कर्मचारियों के पास अपनी पेंशन का एक हिस्सा, जो कि 40% से अधिक नहीं होता, एकमुश्त भुगतान में बदलने का विकल्प होता है। एक साथ मिलने वाले पैसे का कैलकुलेशन के अनुसार किया जाता है। पेंशनर्स की मासिक पेंशन बैलेंस भाग से कम हो जाती है और यह बैलेंस अमाउंट को 15 साल बाद बहाल हो जाता है। यदि रिटायर व्यक्ति रिटायरमेंट के एक साल के अंदर पेंशन कम्युटेशन विकल्प चुनता है, तो उसे कोई चिकित्सा परीक्षा नहीं देनी होती। लेकिन अगर यह सुविधा एक साल के बाद ली जाती है, तो उसे मेडिकल टेस्ट से गुजरना होगा।

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