भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सार्वजनिक क्षेत्र के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया पर 1.45 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना 'लोन और एडवांसेज' और 'कस्टमर प्रोटेक्शन' से जुड़े कुछ निर्देशों का पालन न करने के लिए लगाया गया है। RBI की ओर से जारी बयान में कहा गया कि केंद्रीय बैंक ने 31 मार्च, 2022 तक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के सुपरवायजरी इवैल्यूएशन (ISE 2022) के लिए इसका वैधानिक निरीक्षण किया था।
बैंक को नोटिस जारी कर यह बताने को कहा गया था कि निर्देशों का पालन करने में विफल रहने पर उस पर जुर्माना क्यों न लगाया जाए। बैंक के जवाब पर गौर करने के बाद RBI ने पाया कि बैंक के खिलाफ लगाए गए आरोप सही हैं। बैंक ने सब्सिडी के रूप में सरकार से प्राप्त होने वाली राशि के एवज में एक कंपनी को वर्किंग कैपिटल डिमांड लोन मंजूर किया था। इसके साथ ही बैंक कुछ अनऑथराइज्ड इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन के मामलों में शामिल राशि को भी निर्धारित समय के अंदर ग्राहकों के खाते में जमा नहीं कर पाया।
Q4 में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का मुनाफा 41% बढ़ा
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2023-24 की जनवरी-मार्च तिमाही में 41 प्रतिशत बढ़कर 807 करोड़ रुपये हो गया। इससे पहले के वित्त वर्ष 2022-23 की इसी तिमाही में बैंक को 571 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। मार्च 2024 को समाप्त तिमाही में उसकी कुल आय बढ़कर 9,699 करोड़ रुपये रही, जो एक साल पहले की समान तिमाही में 8,567 करोड़ रुपये थी। मार्च 2024 तिमाही में बैंक का ग्रॉस NPA, कुल कर्ज का 4.5 प्रतिशत रहा, जो एक साल पहले 8.44 प्रतिशत था। शुद्ध NPA घटकर कुल कर्ज का 1.23 प्रतिशत रहा, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 1.77 प्रतिशत था।
सोनाली बैंक PLC पर 96.4 लाख का जुर्माना
RBI ने एक अन्य बयान में कहा कि KYC निर्देश, 2016 सहित कुछ मानदंडों का पालन न करने के लिए सोनाली बैंक पीएलसी पर 96.4 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। भारतीय रिजर्व बैंक का कहना है कि दोनों मामलों में लगाई गई पेनल्टी, नियामकीय अनुपालन में खामियों पर बेस्ड है। इसका उद्देश्य एंटिटीज द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर निर्णय लेना नहीं है।