लंबे समय तक देश की आबादी का बड़ा हिस्सा बैंकिंग सेवाओं से दूर रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और सरकार की कोशिश ज्यादातर लोगों को बैंकिंग सेवाओं के दायरे में लाने की है। आरबीआई ने इसी सोच के साथ बैंकिंग के नए मॉडल की शुरुआत की है। बैंकों के जरिए ही लोगों और कारोबारियों को लोन, जमा और अन्य तरह की बैंकिंग सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। जब भी भारत में बैंकों की बात होती है, तो उन्हें कार्यों के आधार पर बांटा गया है। जिसमें कमर्शियल बैंक, स्मॉल फाइनेंस बैंक, पेमेंट बैंक और कॉपरेटिव बैंक को शामिल किया जाता है। आइये स्मॉल फाइनेंस बैंक और कमर्शियल बैंक के बीच के अंतर को समझते हैं।