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क्या 'बाय नाउ, पे लेटर' फायदेमंद है? इन 5 बातों को समझ लें तो मिल जाएगा जवाब

बाय नाउ पे लेटर (BNPL) खरीदारी का आसान तरीका है। इसमें खरीदारी का असर तुरंत आपकी जेब पर नहीं पड़ता है। लेकिन, पेमेंट में देरी होने पर यह काफी महंगा साबित होता है। इसलिए बीएनपीएल का इस्तेमाल करने से पहले कई बातों को ठीक तरह से समझ लेना जरूरी है

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 25, 2024 पर 5:02 PM
क्या 'बाय नाउ, पे लेटर' फायदेमंद है? इन 5 बातों को समझ लें तो मिल जाएगा जवाब
बीएनपीएल व्यक्ति को ऐसी खरीदारी के लिए प्रोत्साहित करता है, जो अचानक की जाती है।

'बाय नाउ, लेटर' की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। इसमें ग्राहक पहले समान खरीद लेता है और बाद में उसका पेमेंट करता है। यह खरीदारी का आसान तरीका है, लेकिन यह देखना जरूरी है कि यह आपके फाइनेंशियल हेल्थ के लिए कितना सही है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

1. पहले समझें BNPL कैसे काम करता है

'बाय नाउ पे लेटर' (BNPL) में ग्राहक तय समय पर पैसे चुका देता है तो उसे इंटरेस्ट नहीं देना पड़ता है। लेकिन, पेमेंट में देर होते ही लेट पेमेंट फीस लग जाती है। कई बार क्रेडिट देने वाली कंपनी रिपेमेंट में देरी के दौरान इंटरेस्ट भी लगाती है। इसलिए बीएनपीएल का इस्तेमाल करने से पहले कुछ सवालों का जवाब जान लेना जरूरी है। क्या बीएनपीएल की सुविधा इंटरेस्ट-फ्री है, क्या इसमें कोई छुपा हुआ चार्ज है और रिपेमेंट की शर्त और डेडलाइन क्या हैं?

2. अपने वित्तीय अनुशासन का रखें ध्यान

बीएनपीएल व्यक्ति को ऐसी खरीदारी के लिए प्रोत्साहित करता है, जो अचानक की जाती है। इसकी वजह यह है कि खरीदारी का असर तुरंत व्यक्ति की जेब पर नहीं पड़ता है। अगर आप वित्तीय अनुशासन का पालन नहीं करते हैं तो एक के बाद कई खरीदारी कर आप बीएनपीएल के जाल में फंस सकते हैं। इसलिए बीएनपीएल का इस्तेमाल करने से पहले अपनी वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखना जरूरी है।

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