बहुत कम लोगों को पता होगा कि हमारे देश में प्रभु श्रीराम के नाम से बैंक भी हुआ करता था। प्रभु राम, लक्ष्मण और सीता मां की तस्वीर भी बैंक के चेक में होती थीं। अतीत के पन्ने बता रहे कि हमारी संस्कृति के कण-कण में राम बसे थे। राजस्थान हो या तमिलनाडु, बैंक के चेक में सनातनी संस्कृति साफतौर पर झलकती थी। डूंगरपुर का रियासतकालीन श्रीरामचन्द्र लक्ष्मण बैंक इसी की कहानी सब कुछ बता रहा है। यह बैंक राजा महाराजोँ के दौर में था। यह बैंक लंबे समय तक काम करता रहा। फिर आजादी के बाद इसे अन्य बैंकों में विलय कर दिया गया।