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India-Pakistan Tension: केंद्र ने राज्यों को दिया जरूरी चीजों की कीमतों पर नजर रखने का निर्देश, न होने पाए कालाबाजारी

उपभोक्ता मामलों का विभाग जरूरी चीजों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अन्य स्टेकहोल्डर्स- थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, निर्यातकों आदि के साथ मीटिंग्स भी कर रहा है। जरूरत पड़ने पर सरकार एसेंशियल कमोडिटीज एक्ट, 1995 के प्रावधानों को भी लागू कर सकती है

Edited By: Ritika Singhअपडेटेड May 09, 2025 पर 7:45 PM
India-Pakistan Tension: केंद्र ने राज्यों को दिया जरूरी चीजों की कीमतों पर नजर रखने का निर्देश, न होने पाए कालाबाजारी
भारतीय गोदामों में चावल और गेहूं का स्टॉक 6.6 करोड़ टन से अधिक है।

भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे संघर्ष के बीच उपभोक्ता मामलों के विभाग (DoCA) ने सभी राज्यों के चीफ सेक्रेटरी को लेटर लिखा है। इस लेटर में यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि जरूरी चीजों की जमाखोरी या कालाबाजारी न हो। यह बात मनीकंट्रोल को एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी से पता चली है। राज्यों को भेजे गए लेटर में कहा गया है कि दाल, गेहूं, चावल, सब्जी, एडिबल और अन्य जरूरी चीजों की कीमतों पर नजर रखी जानी चाहिए। अधिकारी ने कहा कि जरूरत पड़ने पर सरकार एसेंशियल कमोडिटीज एक्ट (ECA), 1995 के प्रावधानों को भी लागू कर सकती है।

ECA सरकार को सार्वजनिक हित के लिए, जरूरी समझी जाने वाली कुछ चीजों के उत्पादन, सप्लाई, डिस्ट्रीब्यूशन और ट्रेड को कंट्रोल करने का अधिकार देता है। इस कंट्रोल मैकेनिज्म का उद्देश्य कीमतों में हेरफेर को रोकना और खास तौर पर संकट के दौरान जरूरी चीजों का उचित वितरण सुनिश्चित करना है।

विक्रेताओं, निर्यातकों के साथ हो रहीं मीटिंग

उपभोक्ता मामलों का विभाग जरूरी चीजों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अन्य स्टेकहोल्डर्स- थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, निर्यातकों आदि के साथ मीटिंग्स भी कर रहा है। अधिकारी ने कहा, "अनिश्चितता के समय, जैसे कि चल रहे संघर्ष में, जरूरी चीजों की सप्लाई सुनिश्चित करने की जरूरी है। हालांकि, अभी चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि आवश्यक अनाज की कोई कमी नहीं है।"

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