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Jan Dhan Yojana: जन धन योजना के 8 साल पूरे, जानिए कैसे इस स्कीम ने बदली गरीबों की तकदीर

मोदी सरकार का बड़ा फोकस महिलाओं के जीवनस्तर को बढ़ाने पर भी है। इस मिशन में जनधन खाते बड़ा योगदान दे रहे हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 12, 2022 पर 3:22 PM
Jan Dhan Yojana: जन धन योजना के 8 साल पूरे, जानिए कैसे इस स्कीम ने बदली गरीबों की तकदीर
MUDRA लोन, सुकन्या समृद्धि योजना, स्कॉलरशिप, उज्जवला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना समेत दूसरी स्कीमों का सीधा पैसा इन खातों में आ रहा है

विकास गर्ग, CNBC-आवाज़

मोदी सरकार की फाइनेंशियल इंक्लूजन स्कीम जनधन योजना को 28 अगस्त को 8 साल पूरे हो गए हैं। मेरा खाता, भाग्य विधाता के नारे से शुरू की गई स्कीम सही मायनों में किसानों, गरीब, पिछड़े, वचिंतों का भाग्य बदलती नजर आ रही है। यही कारण है कि स्कीम शुरू होने के 8 साल बाद भी इसका जलवा पूरी तरह कायम है। जनधन के जरिए से ना सिर्फ गरीब आदमी बैंक खाते खोलकर मेन स्ट्रीम इकनॉमी से जुड़ सीधा जुड़ रहा है बल्कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर का फायदा उसको सीधा मिल रहा है।

जनधन: दिनों दिन होता मजबूत

31 अगस्त 2022 तक के कुछ बड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो पिक्चर बहुत बड़ी दिखती है। देश में अब 46.46 करोड़ लोगों का जनधन खाता है। इन 46.46 करोड़ खातों में 1.72 लाख करोड़ रुपए जमा हैं। 31 करोड़ खाते छोटे शहरों, गांव में हैं। आधे से ज्यादा यानि करीब 26 करोड़ खाते महिलाओं के हैं। इन खातों में औसतन 2300 रुपए जमा हैं। मार्च 2015 तक देश में 4.53 करोड़ खाते थे जो मार्च 2017 तक बढ़कर 28.16 करोड़ पर आ गए। मार्च 2019 तक इन खातों की संख्या 35.26 करोड़ पर पहुंच गई। फिर मार्च मार्च 2021 तक ये आंकड़ा 42.20 करोड़ पर आ गया। वहीं, मार्च 2022 तक कुल जनधन खातों की संख्या 46.46 करोड़ रुपए पर आ गई है।

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