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PM Kisan Yojana: केंद्र सरकार को किसान योजना में हजारों करोड़ का फायदा, किश्त में हो सकता है बड़ा इजाफा

PM Kisan Yojana: 1 दिसंबर 2018 को पीएम किसान सम्मान निधि की शुरुआत की गई थी। इस योजना के जरिए सरकार अयोग्य लाभार्थी किसानों की सफाई करने में जुटी हुई है। सरकार की इस मुहिम से पिछले एक साल में 10,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि केंद्र सरकार चुनाव से पहले किसानों की किश्त में इजाफा कर सकती है

Jitendra Singhअपडेटेड Oct 04, 2023 पर 5:35 PM
PM Kisan Yojana: केंद्र सरकार को किसान योजना में हजारों करोड़ का फायदा, किश्त में हो सकता है बड़ा इजाफा
PM Kisan Yojana: देश में पीएम किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को सालाना 6,000 रुपये मुहैया कराए जाते हैं।

PM Kisan Yojana: देश के किसानों के चेहरे में फिर से मुस्कान आ सकती है। केंद्र सरकार पीएम किसान योजना के बारे में चुनाव से पहले बड़ा तोहफा दे सकती है। किसानों की आमदनी बढ़ाने के मकसद से केंद्र सरकार की ओर से पीएम किसान सम्मान निधि योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार को पिछले एक साल में 10,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है। यह बचत अयोग्य लाभार्थी किसानों को योजना से बाहर का रास्ता दिखाने पर हुई है। सूत्रों के हवाले से CNBC-TV18 ने इस बात की जानकारी दी है।

सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है कि पीएम- किसान डेटा बेस में गहन जांच पड़ताल की गई है। इसके चलते 1.72 करोड़ अयोग्य लाभार्थी किसानों को हटाया गया है। लिहाजा केंद्र सरकार को इस योजना में हजारों करोड़ रुपये की बचत हुई है।

पीएम किसान योजना में किसानों को मिल सकता है तोहफा

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, संभावना जताई जा रही है कि केंद्र सरकार इसमें किसानों का दायरा बढ़ाने पर विचार कर सकती है। इस योजना के दायरे में बटाईदारों (sharecroppers), किराएदार किसानों (tenant farmers- सालाना ठेका) और भूमिहीन किसानों को शामिल किया जा सकता है। सूत्रों ने यह भी कहा कि इस भारी भरकम बचत से सरकार किश्तों में भी इजाफा कर सकती है। हालांकि अभी तक सरकार की ओर से इस बारे में कोई प्रस्ताव नहीं तैयार किया गया है। कृषि मंत्रालय की ओर से भी अभी तक इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं आया है। पीएम किसान योजना में किसानों के अकाउंट में सीधे पैसे ट्रांसफर किए जाते हैं। किसानों की पहचान करने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों को दी गई है।

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