क्या भविष्य में ATM का पड़ जाएगा अकाल, देश में तेजी से घट रहे हैं, RBI की रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा
ATM in India: देश में डिजिटल पेमेंट का चलन तेजी से बढ़ने के बाद एटीएम के इस्तेमाल में भारी गिरावट आई है। हर साल देश में ATM की संख्या में भारी कमी आई है। RBI ने सितंबर 2023 से सितंबर 2024 तक के आंकड़ों का डेटा जारी किया है। जिसमें ATM की घटती संख्या को देखा जा सकता है
ATM in India: डिजिटल पेमेंट की वजह से हर साल देश में ATM की संख्या में भारी कमी आई
ATM in India: डिजिटल युग के इस दौर में, एक तरफ जहां कैशलेस ट्रांजेक्शन अपना तेजी से स्थान बना रही है और लोगों की रोमर्रा की जिंदगी को आसान बना रही है। वहीं दूसरी तरफ लोग अब कैश के साथ ही साथ एटीएम का प्रयोग कम कर रहे हैं। इस बदलाव के पीछे सबसे प्रमुख कारण UPI पेमेंट्स का उभार है। UPI यानी यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस के माध्यम से लेन-देन आसान और तेज हो गया है, जिससे कैश निकासी की आवश्यकता में कमी आई है।
देश में डिजिटल पेमेंट का चलन तेजी से बढ़ रहा है। जिसके चलते एटीएम के इस्तेमाल में गिरावट आई है। इससे जुड़ी हुई आरबीआई ने रिपोर्ट भी पब्लिश की है।
भारत में ATM की संख्या में लगातार हो रही गिरावट
RBI के ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार,देश में एटीएम की संख्या में भारी कमी आई है। भारत में ATM की संख्या सितंबर 2023 में 219,000 से घटकर सितंबर 2024 में 215,000 हो गई है। यह गिरावट मुख्य रूप से ऑफ-साइट ATM में कमी के कारण हुई है। ये ATM सितंबर 2022 में 97,072 से गिरकर सितंबर 2024 में 87,638 तक पहुंच गए।
क्यों कम हो रहे ATM
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, देश में पिछले काफी समय से डिजिटल पेमेंट पर जोर दिया जा रहा है। डिजिटल पेमेंट करना लोगों को काफी आसान भी लगता है, इसलिए कम समय में ही यह पूरे देश में काफी लोकप्रिय हो गया है। बैंकों के घटती एटीएम की संख्या में काफी बड़ा रोल यूपीआई का भी है। पिछले कुछ समय से एटीएम के पॉपुलैरिटी में काफी कमी आई है। लोगों तक एटीएम की पहुंच अभी भी कम है, रिपोर्ट्स के अनुसार, देश में प्रति 100,000 लोगों पर केवल 15 एटीएम हैं।
RBI के नियमों का असर
देश में नकदी अभी भी भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वित्त वर्ष 22 में 89% लेन-देन और सकल घरेलू उत्पाद का 12% हिस्सा नगद लेन देन का ही था। लेकिन एटीएम लेन-देन और इंटरचेंज शुल्क पर RBI के नियमों ने ATM पर अपना गहरा असर डाला है। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह बदलाव डिजिटल भुगतान विशेष रूप से यूपीआई की बढ़ती लोकप्रियता और डिजिटल परिवर्तन पर रणनीतिक ध्यान केंद्रित करने से प्रेरित है।