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Succession vs Heir Certificate: उत्तराधिकारी प्रमाणपत्र और विधिक वारिस प्रमाणपत्र में क्या है फर्क, जानिए कौन सा दस्तावेज कब है उपयोगी ?

Succession vs Heir Certificate: उत्तराधिकार प्रमाणपत्र और विधिक वारिस प्रमाणपत्र दोनों ही संपत्ति और वित्तीय अधिकारों के हस्तांतरण में जरूरी दस्तावेज हैं, लेकिन इनके उपयोग और जारी करने की प्रक्रिया में बड़ा अंतर है। सही प्रमाणपत्र का चयन करने से कानूनी और प्रशासनिक प्रक्रियाएं काफी आसान हो जाती हैं।

Edited By: Shradha Tulsyanअपडेटेड Nov 06, 2025 पर 10:14 PM
Succession vs Heir Certificate: उत्तराधिकारी प्रमाणपत्र और विधिक वारिस प्रमाणपत्र में क्या है फर्क, जानिए कौन सा दस्तावेज कब है उपयोगी  ?

परिवार में किसी सदस्य के निधन के बाद उसकी संपत्ति, बैंक खाते, निवेश-पोर्टफोलियो या सरकारी लाभों का ट्रांसफर अक्सर बड़ी जटिल प्रक्रिया बन जाती है। इस स्थिति में दो दस्तावेज आपके काम आ सकते हैं उत्तराधिकार प्रमाणपत्र (Succession Certificate) और विधिक वारिस प्रमाणपत्र (Legal Heir Certificate)। हालांकि ये सुनने में बहुत मिलते-जुलते लगते हैं, लेकिन इनके दायरे और उपयोग में महत्वपूर्ण अंतर है। (

उत्तराधिकार प्रमाणपत्र (Succession Certificate) क्या है?

उत्तराधिकार प्रमाणपत्र एक ऐसा दस्तावेज है जिसे सिविल कोर्ट जारी करती है। यह मुख्य-तौर पर उस समय उपयोगी होता है जब किसी व्यक्ति के बचे बैंक डिपॉजिट, शेयर, निवेश, बीमा दावा या अन्य चल-संपत्ति (movable property) को उसके वारिसों को ट्रांसफर करना हो। बैंक, वित्त-संस्थाएं और कंपनियां इस प्रमाणपत्र को उस भरोसे के रूप में देखती हैं कि चल-संपत्ति सही व्यक्ति को दी जा रही है।

विधिक वारिस प्रमाणपत्र (Legal Heir Certificate) क्या है?

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