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Direct vs Regular MF Investment: डायरेक्ट और रेगुलर प्लान में से किसमें निवेश में ज्यादा फायदा?

डायरेक्ट और रेगुलर म्यूचुअल फंड्स एक ही अंडरलाइंग पोर्टफोलियो में निवेश करते हैं। डायरेक्ट फंड में आप सीधे फंड हाउस या ऐसे प्लेटफॉर्म के जरिए निवेश करते हैं, जो एडवाइस ऑफर नहीं करते हैं। रेगुलर फंड्स में आप डिस्ट्रिब्यूटर या एडवाइजर के जरिए इनवेस्ट करते हैं

Your Money Deskअपडेटेड Dec 15, 2025 पर 3:04 PM
Direct vs Regular MF Investment: डायरेक्ट और रेगुलर प्लान में से किसमें निवेश में ज्यादा फायदा?
रेगुलर फंड्स में आप डिस्ट्रिब्यूटर या एडवाइजर के जरिए इनवेस्ट करते हैं। इसके लिए आप कमीशन चुकाते हैं, जो एक्सपेंस रेशियो में शामिल होता है।

म्यूचुअल फंड की स्कीम में निवेश के दो विकल्प हैं। पहला डायरेक्ट और दूसरा रेगुलेर है। यह माना जाता है कि डायरेक्ट फंड सस्ता है, जिससे इसके जरिए निवेश करने में ज्यादा फायदा है। रेगुलर फंड की कॉस्ट ज्यादा होती है, इसलिए इससे निवेश में नुकसान है। लेकिन, सिर्फ इस आधार पर फैसला नहीं लिया जा सकता। डायरेक्ट और रेगुलर में से कौन आपके लिए सही है यह कई बातों पर निर्भर करता है। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

डायरेक्ट और रेगुलेर फंड्स में फर्क

Direct Mutual Funds और Regular Mutual Funds एक ही अंडरलाइंग पोर्टफोलियो में निवेश करते हैं। डायरेक्ट फंड में आप सीधे फंड हाउस या ऐसे प्लेटफॉर्म के जरिए निवेश करते हैं, जो एडवाइस ऑफर नहीं करते हैं। रेगुलर फंड्स में आप डिस्ट्रिब्यूटर या एडवाइजर के जरिए इनवेस्ट करते हैं। इसके लिए आप कमीशन चुकाते हैं, जो एक्सपेंस रेशियो में शामिल होता है।

डायरेक्ट फंड्स में रिटर्न ज्यादा

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