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Employees' Pension Scheme: ईपीएस के तहत हर महीने पेंशन मिलती है, जानिए क्या हैं ईपीएस के नियम और शर्तें

Employees' Pension Scheme (EPS) ईपीएफ का हिस्सा है। एंप्लॉयर के कंट्रिब्यूशन का एक हिस्सा हर महीने ईपीएस अकाउंट में जमा होता है। ईपीएस में जमा पैसे से एंप्लॉयी को रिटायरमेंट के बाद हर महीने पेंशन मिलती है। ईपीएस से पेंशन के लिए कुछ शर्तें हैं

Your Money Deskअपडेटेड Dec 09, 2025 पर 5:28 PM
Employees' Pension Scheme: ईपीएस के तहत हर महीने पेंशन मिलती है, जानिए क्या हैं ईपीएस के नियम और शर्तें
1990 के दशक के मध्य या उसके बाद ईपीएफ का हिस्सा बनने वाला एंप्लॉयी अपने आप ईपीएस का मेंबर बन जाता है।

प्राइवेट नौकरी करने वाले लोगों की सैलरी से हर महीने कुछ पैसा ईपीएफ में जाता है। ईपीएफ में जमा पैसे पर हर साल इंटरेस्ट मिलता है। रिटायरमेंट के बाद यह पैसा एंप्लॉयी को एकमुश्त मिल जाता है। क्या आप जानते हैं कि एंप्लॉयर हर महीने एंप्लॉयी के ईपीएफ अकाउंट में जितना कंट्रिब्यूट करता है उसका कुछ हिस्सा एंप्लॉयीज पेंशन स्कीम (ईपीएस) में जाता है? क्या है यह ईपीएस? इसके क्या फायदे हैं? आइए इन सवालों के जवाब जानते हैं।

ईपीएस के तहत पेंशन के लिए शर्तें

Employees' Pension Scheme (EPS) ईपीएफ का हिस्सा है। इस स्कीम में जमा पैसे से एंप्लॉयी को रिटायरमेंट के बाद हर महीने पेंशन मिलती है। ईपीएस से पेंशन के लिए कुछ शर्तें हैं। एंप्लॉयी की पेंशनएबल सर्विस कम से कम 10 साल की होनी चाहिए। फिर 58 साल की उम्र में रिटायर करने पर उसे पेंशन मिलने लगती है। अगर किसी एंप्लॉयी की पेंशनएबल सर्विस 10 साल से कम है तो उसे पेंशन नहीं मिलेगी। उसके ईपीएस में जमा पैसा रिटायरमेंट पर उसे एकमुश्त मिल जाएगा।

ईपीएस अकाउंट में कंट्रिब्यूशन

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