Get App

क्या म्यूचुअल फंड हाउस ने आपको दोबारा KYC कराने को कहा है? जानिए फिर से KYC कराने का यह मामला क्या है

दोबारा केवायसी सिर्फ ऐसे निवेशकों के लिए जरूरी है, जिन्होंने इसके लिए ऑफिशयली वेरिफायड डॉक्युमेंट का इस्तेमाल नहीं किया है। पहले केवायसी में आइडेंटिटी प्रूफ के लिए बिजली बिल या टेलीफोन बिल की कॉपी दे देते थे। बाद में केवायसी के लिए इस्तेमाल होने वाले डॉक्युमेंट की लिस्ट संशोधित की गई है। इनमें आधार, पासपोर्ट जैसे ऑफिशियली वेरिफायड डॉक्युमेंट्स माना गया है

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 03, 2024 पर 6:58 PM
क्या म्यूचुअल फंड हाउस ने आपको दोबारा KYC कराने को कहा है? जानिए फिर से KYC कराने का यह मामला क्या है
KYC वह प्रोसेस है, जिसके जरिए बैंक, म्यूचुअल फंड, ब्रोकरेज फर्म आदि निवेशक के ट्रांजेक्शन शुरू करने से पहले उसकी आइडेंटिटी को वेरिफाय करते हैं।

म्यूचुअल फंड के कई इनवेस्टर्स को 31 मार्च से पहले KYC को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ा। इसकी वजह यह है कि जिन निवेशकों ने कुछ खास शर्तों को पूरा नहीं किया था, उन्हें दोबारा केवायसी करने को कहा गया। उन्हें बताया गया कि दोबारा केवायसी नहीं करने पर 1 अप्रैल से उनके ट्रांजेक्शंस ब्लॉक कर दिए जाएंगे। बाद में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की कोशिश के बाद शर्त में ढील दी गई। लेकिन, निवेशकों की केवायसी से जुड़ी चिंता अभी खत्म नहीं हुई है। आइए जानते हैं यह पूरा मामला क्या है।

क्या है KYC?

KYC वह प्रोसेस है, जिसके जरिए बैंक, म्यूचुअल फंड, ब्रोकरेज फर्म आदि निवेशक के ट्रांजेक्शन शुरू करने से पहले उसकी आइडेंटिटी को वेरिफाय करते हैं। पहले सभी निवेशकों को 31 मार्च तक दोबारा केवायसी करने को कहा गया। बताया गया कि जिन निवेशकों ने आधार, पासपोर्ट या वोटर आईडी जैसे ऑफिशियल वैलिड डॉक्युमेंट का इस्तेमाल नहीं किया है, उन्हें दोबारा केवायसी करना होगी।

पहले कैसे होती थी केवायसी?

सब समाचार

+ और भी पढ़ें