म्यूचुअल फंड के कई इनवेस्टर्स को 31 मार्च से पहले KYC को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ा। इसकी वजह यह है कि जिन निवेशकों ने कुछ खास शर्तों को पूरा नहीं किया था, उन्हें दोबारा केवायसी करने को कहा गया। उन्हें बताया गया कि दोबारा केवायसी नहीं करने पर 1 अप्रैल से उनके ट्रांजेक्शंस ब्लॉक कर दिए जाएंगे। बाद में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की कोशिश के बाद शर्त में ढील दी गई। लेकिन, निवेशकों की केवायसी से जुड़ी चिंता अभी खत्म नहीं हुई है। आइए जानते हैं यह पूरा मामला क्या है।