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प्राइवेट नौकरी करने वालों की लीव इनकैशमेंट की टैक्स-फ्री लिमिट बढ़ी, जानिए बजट 2023 में नियम में क्या बदलाव हुआ है

अभी सरकारी एंप्लॉयीज को लीव इनकैशमेंट पर मिलने वाले अमाउंट पर टैक्स नहीं देना पड़ता है। इसके लिए अमाउंट की कोई लिमिट तय नहीं है। लेकिन, प्राइवेट एंप्लॉयीज को सिर्फ 3 लाख रुपये के अमाउंट पर ही टैक्स-छूट मिलती है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 3 लाख रुपये की इस लिमिट को बढ़ाने का प्रस्ताव यूनियन बजट 2023 में पेश किया है

Abhishek Anejaअपडेटेड Feb 13, 2023 पर 11:15 AM
प्राइवेट नौकरी करने वालों की लीव इनकैशमेंट की टैक्स-फ्री लिमिट बढ़ी, जानिए बजट 2023 में नियम में क्या बदलाव हुआ है
लेबर कानूनों के तहत हर एंप्लॉयी को साल में कुछ पेड लीव लेने की इजाजत है। इस्तेमाल नहीं की गई लीव को एंप्लॉयी के कंपनी से रिटायर होने या इस्तीफे तक कैरी-फॉरवर्ड करने की सुविधा मिलती है।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने प्राइवेट नौकरी करने वाले लोगों के लिए यूनियन बजट 2023 (Budget 2023) में बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने लीव इनकैशमेंट (Leave Encashment) पर मिलने वाले अमाउंट की टैक्स एग्जेम्प्शन लिमिट बढ़ा दी है। इसका फायदा प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले करोड़ों लोगों को मिलेगा। कंपनियां अपने एप्लॉयीज को हर साल कुछ लीव (Leave) देती हैं। रिटायरमेंट या नौकरी से इस्तीफा देने पर बची हुई लीव के एवज में एंप्लॉयी को पैसा मिलता है। इसे लीव इनकैशमेंट कहते हैं। आइए जानते हैं इस मामले में यूनियन बजट 2023 से पहले टैक्स का क्या नियम था और अब नियम में क्या बदलवा आया है।

वित्तमंत्री ने क्या ऐलान बजट 2023 में किया?

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में कहा, "नॉन-गवर्नमेंट एप्लॉयीज के रिटायरमेंट पर लीव इनकैशमेंट के लिए 3 लाख रुपये की टैक्स-फ्री लिमिट साल 2002 में तय हुई थी। तब सरकारी नौकरी में सबसे ज्यादा बेसिक पे प्रति माह 30,000 रुपये था। गवर्नमेंट सैलरी में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए मैं इस लिमिट को बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने का प्रस्ताव पेश करती हूं।"

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