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GST 2.0: इंश्योरेंस कंपनियां बेस प्रीमियम 1-4% बढ़ा सकती हैं, तो क्या ग्राहक को टैक्स छूट का पूरा फायदा नहीं मिलेगा?

GST: इंश्योरेंस कंपनियों का कहना है कि जीएसटी 2.0 लागू होने के बाद वे इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) क्लेम नहीं कर सकेंगी। आसान शब्दों में इसका मतलब है कि इंश्योरेंस कंपनियां अपने कामकाज से जुड़े खर्च पर जो जीएसटी चुकाती हैं, उस पर वह इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम नहीं कर सकेंगी

Edited By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Sep 05, 2025 पर 3:00 PM
GST 2.0: इंश्योरेंस कंपनियां बेस प्रीमियम 1-4% बढ़ा सकती हैं, तो क्या ग्राहक को टैक्स छूट का पूरा फायदा नहीं मिलेगा?
इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम नहीं करने से इंश्योरेंस कंपनियों को नुकसान होगा।

जीएसटी काउंसिल ने लाइफ इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी पूरी तरह खत्म कर दिया है। अभी दोनों तरह की पॉलिसीज के प्रीमिमय पर 18 फीसदी जीएसटी लगता है। इस खबर के बाद पॉलिसीहोल्डर्स के मन में सबसे बड़ा सवाल यह चल रहा है कि जीएसटी खत्म होने के बाद उनका प्रीमियम कितना कम हो जाएगा?

इंश्योरेंस कंपनियां अब ITC क्लेम नहीं कर सकेंगी

इंश्योरेंस कंपनियों का कहना है कि GST 2.0 लागू होने के बाद वे Input Tax Credit (ITC) क्लेम नहीं कर सकेंगी। आसान शब्दों में इसका मतलब है कि इंश्योरेंस कंपनियां अपने कामकाज से जुड़े खर्च पर जो जीएसटी चुकाती हैं, उस पर वह इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम नहीं कर सकेंगी। इस वजह से उनकी कॉस्ट बढ़ जाएगी।

नुकसान से बचने के लिए प्रीमियम बढ़ाना पड़ सकता है

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