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GST काउंसिल कंपनसेशन सेस की जगह हेल्थ और क्लीन एनर्जी सेस लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे सकती है

कंपनसेशन सेस राज्यों को रेवेन्यू में होने वाले लॉस की भरपाई के लिए लगाया गया था। जीएसटी की व्यवस्था 1 जुलाई, 2017 को लागू हुई थी। तब यह तय हुआ था कि जीएसटी व्यवस्था की व्यवस्था लागू होने से राज्यों को रेवेन्यू में जो नुकसान होगा, उसकी भरपाई केंद्र सरकार करेगी

MoneyControl Newsअपडेटेड Jun 16, 2025 पर 6:23 PM
GST काउंसिल कंपनसेशन सेस की जगह हेल्थ और क्लीन एनर्जी सेस लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे सकती है
ज्यादातर राज्य उन प्रोडक्ट्स पर सेस लगाने के प्रस्ताव के पक्ष में हैं, जिनके इस्तेमाल से स्वास्थ्य को नुकसान होता है।

जीएसटी काउंसलि सेस की मौजूदा व्यवस्था में बड़ा बदलाव कर सकती है। मौजूदा कंपनसेशन सेस की जगह दो नई लेवीज लगाई जा सकती हैं। इसके पहला हेल्थ सेस और दूसरा क्लीन एनर्जी सेस हो सकता है। सेस की नई व्यवस्था 31 मार्च, 2026 को मौजूदा व्यवस्था एक्सपायर करने पर लागू हो सकती है। इस मसले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर इस बारे में बताया।

जीएसटी काउंसिल की बैठक में प्रस्ताव पर होगा विचार

यह प्रस्ताव कंपनसेशन सेस (Compensation cess) पर ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) के जरिए आगे भेजा जाएगा। इस जीओएम के अथ्यक्ष केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी हैं। सूत्रों ने बताया कि जीओएम की अगली बैठक में इस मसले पर चर्चा हो सकती है। अभी इसका समय तय नहीं हुआ है। सूत्रों ने बताया कि जीओएम में चर्चा के बाद जीएसटी काउंसिल इस प्रस्ताव पर विचार करेगी। जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक संसद के मानसून सत्र से पहले होने की उम्मीद है।

राज्यों को कंपनसेशन के लिए लागू था कंपनेशन सेस

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