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Tax Saving: प्राइवेट जॉब वालों की बढ़ जाएगी इनहैंड सैलरी, एक्सपर्ट ने बताया टैक्स बचाने का स्मार्ट तरीका

Tax Saving: अगर आप प्राइवेट जॉब में हैं और टैक्स के चलते इनहैंड सैलरी कम मिलती है, तो डिजिटल टैक्स बेनिफिट्स और स्मार्ट सैलरी स्ट्रक्चर से बड़ी राहत मिल सकती है। एक्सपर्ट से जानिए टैक्स बचाने की पूरी रणनीति।

Suneel Kumarअपडेटेड Aug 02, 2025 पर 4:34 PM
Tax Saving: प्राइवेट जॉब वालों की बढ़ जाएगी इनहैंड सैलरी, एक्सपर्ट ने बताया टैक्स बचाने का स्मार्ट तरीका
Tax Saving Tips: जागरूकता की कमी के कारण कई कर्मचारी लचीले सैलरी स्ट्रक्चर का लाभ नहीं उठाते।

Tax Saving: कई सैलरीड एंप्लॉयीज ऐसे होते हैं, जो अधिक टैक्स चुका देते हैं। क्योंकि वे उन डिजिटल टैक्स बेनिफिट्स का इस्तेमाल नहीं कर पाते, जिनसे उनकी टैक्स देनदारी काफी हद तक घट सकती है। TaxSpanner (Zaggle ग्रुप) के Co-Founder और CEO सुधीर कौशिक के अनुसार, अगर कर्मचारी डिजिटल टूल्स और टैक्स सेविंग विकल्पों की सही जानकारी लें, तो न केवल टैक्स बचाया जा सकता है, बल्कि इनहैंड सैलरी भी बढ़ाई जा सकती है।

क्या हैं डिजिटल टैक्स बेनिफिट्स?

डिजिटल टैक्स बेनिफिट्स दरअसल पारंपरिक टैक्स छूटों का आधुनिक रूप हैं। इन्हें कंपनियां प्रीपेड कार्ड, ऑनलाइन क्लेम पोर्टल या लीजिंग प्लेटफॉर्म के जरिए देती हैं। उदाहरण के लिए, कंपनियां टैक्सेबल अलाउंस देने के बजाय फ्यूल या मील कार्ड जारी करती हैं। इन पर तय सीमा तक खर्च टैक्स फ्री रहता है।

इसी तरह, इंटरनेट, फोन, किताबों या यूनिफॉर्म जैसे खर्चों की रसीदें डिजिटल पोर्टल पर अपलोड करके टैक्स-फ्री क्लेम किया जा सकता है। इन क्लेम्स को वेरिफाई करने के बाद इनकम टैक्स एक्ट की अलग-अलग धाराओं के तहत टैक्सेबल इनकम से घटाया जाता है।

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