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Health Insurance: बीमारी के बाद स्वास्थ्य बीमा क्लेम और पॉलिसी रिन्यूअल पर असर, जानिए आपके अधिकार और जरूरी नियम

Health Insurance: बीमारी के बाद स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के क्लेम और नवीनीकरण पर असर पड़ सकता है, लेकिन बीमाधारक के लिए कंपनी को सही जानकारी देना और समय पर नवीनीकरण करना जरूरी है।

Edited By: Shradha Tulsyanअपडेटेड Nov 18, 2025 पर 7:45 PM
Health Insurance: बीमारी के बाद स्वास्थ्य बीमा क्लेम और पॉलिसी रिन्यूअल पर असर, जानिए आपके अधिकार और जरूरी नियम

आजकल कई बीमा कंपनियां ‘मेटीरियल चेंज’ क्लॉज का इस्तेमाल करती हैं, जिसमें ग्राहकों से हर साल उनकी सेहत या जीवनशैली में हुए किसी भी महत्वपूर्ण बदलाव की जानकारी मांगी जाती है। इसका उद्देश्य होता है पॉलिसी को सही और न्यायसंगत बनाए रखना, लेकिन इससे ग्राहकों में चिंता भी पैदा हो जाती है कि कहीं उनकी प्रीमियम बढ़ाए न जाएं या दावा खारिज न हो जाए।

दावा और नवीनीकरण पर बीमारी के असर

कई बार लोग नई बीमारियों की जानकारी न देकर बचते हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि IRDA के नियमों के अंतर्गत बीमा लेने के बाद हुई बीमारियां भी कवर की जानी चाहिए। नवीनीकरण पर कोई नया वेटिंग पीरियड नहीं लगाया जा सकता है। दावा खारिज तभी हो सकता है जब फर्जीवाड़ा या जानबूझकर गलत जानकारी दी गई हो।

प्रीमियम बढ़ाने का अधिकार नहीं

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