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सही एसेट एलोकेशन से बढ़ाएं निवेश रिटर्न, समझें जोखिम और सुरक्षा का संतुलन

Asset Loaction: एसेट एलोकेशन निवेश की एक रणनीति है जिसमें पैसे को विभिन्न प्रकार की परिसंपत्तियों जैसे शेयर, बांड, गोल्ड आदि में बांटा जाता है ताकि जोखिम कम हो और बेहतर रिटर्न मिल सके। यह सही संतुलन बनाए रखकर निवेशकों को वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करता है।

Edited By: Shradha Tulsyanअपडेटेड Nov 25, 2025 पर 3:36 PM
सही एसेट एलोकेशन से बढ़ाएं निवेश रिटर्न, समझें जोखिम और सुरक्षा का संतुलन

निवेश की दुनिया में बेहतर रिटर्न पाने के लिए सिर्फ सही स्टॉक्स या म्यूचुअल फंड चुनना ही काफी नहीं होता। पोर्टफोलियो के एसेट एलोकेशन की भूमिका भी कम महत्वपूर्ण नहीं होती। सही तरीके से एसेट एलोकेशन करने से न सिर्फ जोखिम कम होता है, बल्कि बेहतर और स्थिर रिटर्न मिलने की संभावना भी बढ़ जाती है। हर निवेशक की आय, उम्र, वित्तीय लक्ष्य और जोखिम सहने की क्षमता के अनुसार इसका फार्मूला अलग होता है।

एसेट एलोकेशन क्या है?

एसेट एलोकेशन का मतलब है आपके निवेश के पैसे को अलग-अलग परिसंपत्तियों जैसे इक्विटी, बांड, गोल्ड या एफडी में सही अनुपात में बांटना। यह केवल पैसे को बांटने का नाम नहीं, बल्कि एक ऐसी रणनीति है जिससे आपका जोखिम और रिटर्न दोनों संतुलित रहते हैं। जब एक एसेट क्लास में नुकसान होता है, तो दूसरा उस नुकसान को कम करने में मदद करता है। इसलिए इसे निवेश की मूल कुंजी भी कहा जाता है।

हर निवेशक के लिए अलग मिश्रण

हर निवेशक की वित्तीय स्थिति और जोखिम सहने की क्षमता अलग-अलग होती है। युवा और जोखिम लेने वाले निवेशकों के लिए अधिकांश यानी लगभग 70% निवेश इक्विटी में करना फायदेमंद रहता है, जबकि मध्यम जोखिम वाले निवेशकों के लिए इक्विटी और बांड/एफडी का बराबर मिश्रण बेहतर होता है। वहीं, हल्के जोखिम वाले निवेशकों के लिए बांड और एफडी में ज्यादा निवेश करना सुरक्षित विकल्प है। यह मिश्रण निवेशक के वित्तीय लक्ष्यों तथा समय अवधि पर निर्भर करता है।

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