सरकार ने नए चार लेबर कोड्स लागू कर दिए हैं। नए नियमों का सीधा असर टैक्सेबल इनकम, मंथली टीडीएस और पे-रोल कैलकुलेशंस पर पड़ेगा। वेज की परिभाषा और ओवरटाइम के नियम भी बदल गए हैं। इससे यह तय होगा कि किसी एंप्लॉयी की सैलरी का कितना हिस्सा टैक्स के दायरे में आएग।
