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इनकम टैक्स पोर्टल पर बेहिसाब इनकम डिटेल देखकर क्या आपको भी आया सदमा, क्या ये आपकी गलती की वजह से हुआ!

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के कंप्लायंस पोर्टल पर टैक्सपेयर्स के ट्रांजेक्शन की ज्यादा वैल्यू दिखने की शिकायत मिलने के बाद डिपार्टमेंट ने 11 मार्च को सोशल मीडिया X पर एक पोस्ट किया है। इसमें उसने माना है कि कुछ टैक्सपेयर्स के ट्रांजेक्शन की वैल्यू ज्यादा है। उसे अपडेट किया जाएगा

MoneyControl Newsअपडेटेड Mar 12, 2024 पर 1:54 PM
इनकम टैक्स पोर्टल पर बेहिसाब इनकम डिटेल देखकर क्या आपको भी आया सदमा, क्या ये आपकी गलती की वजह से हुआ!
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्सपेयर्स को कहा है कि उन्हें AIS में जानकारी अपडेट होने का इंतजार करना चाहिए।

क्या आपके साथ भी ऐसा हुआ है कि जब आपने इनकम टैक्स पोर्टल खोला तो वहां आपकी आमदनी बेहिसाब दिखी। अगर आप भी इस वजह से परेशान हैं कि शेयर बाजार में आपने जितने रुपए के स्टॉक्स बेचे थे, ट्रांजैक्शन उससे ज्यादा के दिख रहे हैं तो परेशाम मत होइए। क्योंकि हम आपको इसकी असल वजह बता रहे हैं।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) के 'कंप्लायंस पोर्टल' पर कई टैक्सपेयर्स के बारे में गलत जानकारियां हैं। टैक्सपेयर्स ने इसकी शिकायत सोशल मीडिया पर की हैं। उधर, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट टैक्स कंप्लायंस को बढ़ाने के लिए कंपेन लॉन्च करने जा रहा है। ऐसे में कंप्लायंस पोर्टल पर जिन टैक्सपेयर्स के बारे में गलत जानकारियां हैं, वे चिंतित हैं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने उनकी शिकायतों पर 11 मार्च को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक ट्वीट किया है। इसमें कहा गया है कि डिपार्टमेंट को सिक्योरिटीज मार्केट की तरफ से उपलब्ध कराई गई जानकारियों के मामले में गड़बड़ी मिली है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के इस पोस्ट से यह साफ हो गया है कि ऐसी गलत जानकारियों के लिए टैक्सपेयर्स जिम्मेदार नहीं है।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने X पर किया पोस्ट

टैक्स कंसल्टेंट्स का कहना है कि कंप्लायंस पोर्टल पर किसी टैक्सपेयर्स को खुद के बारे में गलत जानकारी मिलती है तो उसे घबराने की जरूरत नहीं है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को इस मामले की जानकारी है। 11 मार्च को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पोस्ट में कहा गया है कि एडवान्स टैक्स के लिए ई-कंपेन पर टैक्सपेयर्स के फीडबैक के आधार पर डिपार्टमेंट को कुछ गड़बड़ियां मिली हैं। ये डेटा सिक्योरिटीज मार्केट से जुड़े हैं। पोस्ट में कहा गया है कि रिपोर्टिंग एनटिटीज को अपडेटेड इंफॉर्मेशन के आधार पर रिवाइज्ड स्टेटमेंट सब्मिट करने को कहा गया है।

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