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Income Tax Return: आईटीआर फाइल करने में इन गलतियों पर रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करना जरूरी है, नहीं तो आएगा नोटिस

Income tax return: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में एक छोटी से गलती बड़ी परेशानी का सबब बन सकती है। जैसे अगर कोई टैक्सपेयर किसी विदेशी एसेट्स या इनकम के बारे में बताना भूल जाता है तो उस पर ब्लैक मनी (अनडिसक्लोज्ड फॉरेन इनकम एंड एसेट्स) और इंपोजिशन ऑफ टैक्स एक्टट, 2015 के तहत पेनाल्टी लगाई जा सकती है

Edited By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Jul 16, 2025 पर 12:03 PM
Income Tax Return: आईटीआर फाइल करने में इन गलतियों पर रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करना जरूरी है, नहीं तो आएगा नोटिस
इस बार आईटीआर फाइल करने की डेडलाइन 31 जुलाई की जगह 15 सितंबर है।

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख इस बार 15 सितंबर है। अब तक एक करोड़ से ज्यादा टैक्सपेयर्स ने रिटर्न फाइल कर दिए हैं। कई टैक्सपेयर्स जल्दबाजी नहीं करना चाहते हैं। टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि भले ही इस बार आईटीआर फाइल करने की डेडलाइन 31 जुलाई की जगह 15 सितंबर है, टैक्सपेयर्स को रिटर्न फाइल करने के लिए अंतिम तारीख का इंतजार नहीं करना चाहिए। जल्द रिटर्न फाइल करने के कई फायदे हैं।

रिवाइज्ड रिटर्न 31 दिसंबर तक फाइल किया जा सकता है

ITR-1 और ITR-4 फॉर्म का इस्तेमाल करने वाले टैक्सपेयर्स को तो जल्द रिटर्न फाइल कर देना चाहिए। Income Tax Department उनके लिए ऑनलाइन एक्सेल यूटिलिटीज पहले ही रिलीज कर चुका है। अगर टैक्सपेयर्स को आईटीआर फॉर्म्स (ITR Forms) में किसी तरह की गलती दिखती है तो वह उसे रिवाइज कर सकता है। कई बार इनकम के स्रोत में गलत डेटा दिखता है। आईटीआर फॉर्म भरने में भी कई बार गलती हो जाती है। अगर समय पर गलती का पता चल जाता है तो 31 दिसंबर से पहले रिटर्न को रिवाइज किया जा सकता है।

टैक्सपेयर्स से ये गलतियां सबसे ज्यादा होती हैं

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