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ITR Verification Rule: रिटर्न फाइल करने के बाद वेरिफिकेशन जरूरी, चूक पर लगेगा बड़ा जुर्माना; जानें वेरिफाई करने के 7 आसान तरीके

ITR Verification Rule: आयकर विभाग के नियम के अनुसार ITR फाइल करने के 30 दिन के भीतर वेरिफिकेशन अनिवार्य है। देरी से रिटर्न अमान्य हो सकता है, जुर्माना और ब्याज लग सकता है, और रिफंड भी अटक सकता है। जानिए ITR वेरिफिकेशन के 7 तरीके।

Suneel Kumarअपडेटेड Jun 27, 2025 पर 8:00 AM
ITR Verification Rule: रिटर्न फाइल करने के बाद वेरिफिकेशन जरूरी, चूक पर लगेगा बड़ा जुर्माना; जानें वेरिफाई करने के 7 आसान तरीके
ITR वैध न होने की स्थिति में टैक्स रिफंड भी रोका जा सकता है।

ITR Verification Rule: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने के बाद वेरिफिकेशन अनिवार्य है। अगर आपने वेरिफिकेशन नहीं किया, तो आपकी ITR फाइल करने की पूरी मेहनत पर पानी फिर सकता है। वेरिफिकेशन भी रिटर्न फाइल करने के के 30 दिन के भीतर होना चाहिए। यह नियम 1 अगस्त 2022 से प्रभावी है। इससे पहले टैक्सपेयर्स को वेरिफिकेशन के लिए 120 दिन तक का समय मिलता था।

आइए जानते हैं कि ITR फाइल करने के बाद उसे वेरिफाई कैसे करें। वेरिफाई न करने पर क्या होगा। साथ ही, कैसे पता चलेगा कि ITR वेरिफिकेशन हुआ है या नहीं।

रिटर्न वेरिफाई करने के 7 विकल्प

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की प्राथमिकता ई-वेरिफिकेशन है, ताकि प्रोसेसिंग तेज हो सके और फिजिकल डॉक्युमेंट में देरी या नुकसान से बचा जा सके। हालांकि, फिजिकल वेरिफिकेशन की सुविधा अब भी उपलब्ध है। टैक्सपेयर्स नीचे दिए 7 तरीकों से ITR वेरिफाई कर सकते हैं:

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