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Indian Currency: जानिए नोटों की छपाई में कितनी आती है लागत, RBI ने पहली बार प्रिंट की थी यह नोट

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने पहली बार 5 रुपये की नोट छापी थी, इसे 1938 में जारी किया गया था

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 02, 2022 पर 1:16 PM
Indian Currency: जानिए नोटों की छपाई में कितनी आती है लागत, RBI ने पहली बार प्रिंट की थी यह नोट

Indian Currency: आपकी जेब में जो 100, 50, 500, 2000 रुपये के रंग बिरंगे नोट हैं। क्या आप जानते हैं इनकी छपाई में कितने रुपये खर्च होते हैं। शायद जानने की इच्छा आपके अंदर बढ़ गई होगी, लेकिन पहले जान लें कि इन नोटों को कौन जारी करता है। दरअसल भारत में करेंसी जारी करने का अधिकार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के पास है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, RBI छापने के लिए मिनिमम रिजर्व सिस्टम नियम का पालन करता है। यह नियम साल 1956 में बना था। रिजर्व बैंक को करेंसी नोट प्रिंटिंग के विरुद्ध न्यूनतम 200 करोड़ रुपये का रिजर्व हमेशा रखना पड़ता है। इसमें 115 करोड़ रुपये गोल्ड और 85 करोड़ रुपये की विदेशी करेंसी रखनी जरूरी होती है।

देश में मौजूदा समय में 2000, 500, 200, 100, 50, 20, 10, 5, 2 और 1 रुपये के नोट चलन में हैं। एक हजार के नोट 2016 में हुई नोटबंदी के बाद चलन से बाहर हो गए थे।

5 रुपये का पहला नोट छपा था

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना 1 अप्रैल, 1935 को हुई थी। यानी की आजादी के पहले ही इसकी स्थापना हो चुकी थी। स्थापना के तीन साल बाद साल 1938 में जनवरी महीने में RBI ने पहली बार 5 रुपये का करेंसी नोट जारी किया था। इस नोट पर किंग जॉर्ज VI की तस्वीर प्रिंट हुई थी। मतलब आजादी से 9 साल पहले रिजर्व बैंक ने अपनी पहली करेंसी जारी की थी। इसके बाद 10 रुपये के नोट, मार्च में 100 रुपये के नोट और जून में 1,000 रुपये और 10,000 रुपये के करेंसी नोट जारी किए थे।

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