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Debt fund new rule : एसेट मैनेजमेंट कंपनियों ने फिर से खाले इंटरनेशनल फंड्स, 31 मार्च तक उठा सकेंगे टैक्स बेनिफिट का फायदा

अलग-अलग फंड हाउसों ने यह कदम नए डेट फंड नियमों के बीच उठाया है, जो 1 अप्रैल 2023 से लागू होंगे। नए नियमों के अनुसार, भारतीय कंपनियों के इक्विटी शेयरों में 35 फीसदी से अधिक का निवेश नहीं करने वाले म्युचुअल फंड्स से लाभ को अब शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन माना जाएगा

Edited By: Shubham Thakurअपडेटेड Mar 27, 2023 पर 8:56 PM
Debt fund new rule : एसेट मैनेजमेंट कंपनियों  ने फिर से खाले इंटरनेशनल फंड्स, 31 मार्च तक उठा सकेंगे टैक्स बेनिफिट का फायदा
एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) ने टैक्स से जुड़े नए नियमों के लागू होने से पहले अपने इंटरनेशनल फंड्स में निवेश फिर से शुरू कर दिया है।

Debt fund new rule : एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) ने टैक्स से जुड़े नए नियमों के लागू होने से पहले अपने इंटरनेशनल फंड्स में निवेश फिर से शुरू कर दिया है। एडलवाइस म्यूचुअल फंड ने सब्सक्रिप्शन के लिए 7 इंटरनेशनल फंड्स को फिर से खोला है। इसके अलावा, Mirae एसेट ने 27 मार्च से एकमुश्त ट्रांजेक्शन के लिए 6 ओवरसीज फंड्स और 29 मार्च से मौजूदा सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान्स (SIP) को फिर से खोला है। वहीं, फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड ने भी अपने कुछ फंड्स में एकमुश्त सब्सक्रिप्शन लेना शुरू कर दिया है।

क्या है नया नियम

अलग-अलग फंड हाउसों ने यह कदम नए डेट फंड नियमों के बीच उठाया है, जो 1 अप्रैल 2023 से लागू होंगे। नए नियमों के अनुसार, भारतीय कंपनियों के इक्विटी शेयरों में 35 फीसदी से अधिक का निवेश नहीं करने वाले म्युचुअल फंड्स से लाभ को अब शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन माना जाएगा। यह नियम 1 अप्रैल 2023 से लागू होने वाला है।

साथ ही, तीन साल से अधिक समय तक रखे गए डेट फंडों को अब इंडेक्सेशन का लाभ नहीं मिलेगा। इसके अलावा, वे 20 फीसदी टैक्स रेट के लिए पात्र नहीं होंगे। यह सभी डेट म्यूचुअल फंड्स, इंटरनेशनल फंड्स, गोल्ड फंड्स, टारगेट मैच्योरिटी फंड्स, फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान्स जैसे भारत बॉन्ड्स के साथ-साथ फंड्स ऑफ फंड्स (FoFs) पर भी लागू होगा।

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