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Zoho Mail का सरकारी कामकाज के लिए होगा इस्तेमाल, को-फाउंडर श्रीधर वेम्बू ने सेलेक्शन प्रोसेस के बारे में बताया

मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (MeitY) ने NIC के ईमेल सॉल्यूशन से माइग्रेशन के लिए एक टेंडर इश्यू किया था। अभी NIC के ईमेल सॉल्यूशन पर करीब 33 लाख सरकारी एंप्लॉयीज रजिस्टर्ड हैं। सरकार एक सुरक्षित क्लाउड सर्विस चाहती थी

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 13, 2025 पर 6:27 PM
Zoho Mail का सरकारी कामकाज के लिए होगा इस्तेमाल, को-फाउंडर श्रीधर वेम्बू ने सेलेक्शन प्रोसेस के बारे में बताया
वेम्बू ने कहा कि जोहो को कम से कम 15-20 बार ऑडिट से गुजरना पड़ा। इस दौरान हमारे कोड्स, डेटा सेंटर, हमारे सिक्योरिटी प्रैक्टिसेज सहित कई चीजों की जांच हुई।

सरकार अब ईमेल सर्विस के लिए जोहो मेल का इस्तेमाल करेगी। जोहो के को-फाउंडर श्रीधर वेम्बू ने 13 अक्टूबर को इस बारे में बताया। कई स्तर की जांच के बाद जोहो को नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) के ईमेल सिस्टम के लिए चुना गया है। वेम्बू ने बताया कि इसके लिए कई बार उसके कोड्स, डेटा सेंटर्स और सिक्योरिटी प्रैक्टिसेज की जांच की गई। वेम्बू का बयान ऐसे वक्त आया है, जब सरकार के ऑफिशियल कम्युनिकेशन के लिए जोहो मेल के इस्तेमाल पर बहस जारी है।

सरकार की ईमेल सर्विस का टेंडर जोहो ने हासिल किया

मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (MeitY) ने NIC के ईमेल सॉल्यूशन से माइग्रेशन के लिए एक टेंडर इश्यू किया था। अभी NIC के ईमेल सॉल्यूशन पर करीब 33 लाख सरकारी एंप्लॉयीज रजिस्टर्ड हैं। सरकार एक सुरक्षित क्लाउड सर्विस चाहती थी। Zoho मेल ने यह टेंडर हासिल किया है। वेम्बू ने बताया कि टेंडर के नतीजों का ऐलान कुछ ही समय पहले हुआ है। उन्होंने कहा, "इस पर काम चल रहा था। सभी यूजर्स जोहो पर शिफ्ट कर रहे हैं। 15 लाख से ज्यादा यूजर्स आ चुके हैं।"

जोहो को कम से कम 20 बार ऑडिट से गुजरना पड़ा

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