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NSE Scam: क्या वाकई हिमालय पर बैठा 'योगी' देश का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज चला सकता है?

रामकृष्ण अप्रैल 2013 से दिसंबर 2016 तक एनएसई की एमडी और सीईओ थीं। वह एनएसई की सबसे बड़ी अधिकारी थी। इस नाते वह इस स्टॉक एक्सचेंज से जुड़े सभी फैसले लेती थीं

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 14, 2022 पर 4:53 PM
NSE Scam: क्या वाकई हिमालय पर बैठा 'योगी' देश का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज चला सकता है?
सेबी ने अपने आदेश में कहा है कि ज्यादातर हिमालय पर रहने वाले एक सिद्ध पुरुष या योगी ने चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramkrishna) का 20 साल तक मार्गदर्शन किया।

क्या सालभर बर्फ से ढके हिमालय पर बैठा कोई व्यक्ति इंडिया का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज चला सकता है? हम किसी काल्पनिक कहानी या नॉवेल के प्लॉट की चर्चा नहीं कर रहे हैं। हम सेबी (SEBI) की जांच के नतीजों का जिक्र कर रहे हैं। सेबी, जो इंडिया में स्टॉक और कमोडिटी मार्केट्स का रेगुलेटर है। जिस पर इंडिया के करीब 8 करोड़ इन्वेस्टर्स के हितों की रक्षा करने की जिम्मेदारी है।

सेबी ने अपने आदेश में कहा है, "ज्यादातर हिमालय पर रहने वाले एक सिद्ध पुरुष या योगी ने चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramkrishna) का 20 साल तक मार्गदर्शन किया।" चित्रा रामकृष्णा देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की पूर्व एमडी और सीईओ हैं। सेबी की जांच में यह भी मिला है कि इस गुमनाम योगी का हाथ आनंद सुब्रमण्यन (Anand Subramanian) के हाई प्रोफाइल अप्वाइंटमेंट में भी था। सुब्रमण्यन को एनएसई ग्रुप का ऑपरेटिंग अफसर और चित्रा रामकृष्णा का एडवाइजर नियुक्त किया गया था। मजेदार बात यह है कि सुब्रमण्यन को इन्वेस्टमेंट की दुनिया में कोई नहीं जानता।

सेबी ने आनंद सुब्रमण्यन के अप्वॉइंमेंट मामले में शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई की है। उसने चित्रा रामककृष्ण और रवि नारायण सहित कुछ लोगों को सिक्योरिटी कॉन्ट्रैक्ट रूल्स के उल्लंघन का दोषी पाया है। रामकृष्णा पर 3 करोड़, 2-2 करोड़ रुपये एनएसई, नारायण और सुब्रमण्न पर और 6 लाख रुपये का जुर्माना वी आर नरसिम्हन पर लगाया गया है। नरसिम्हन एनएसई के चीफ रेगुलेटरी ऑफिर और चीफ कंप्लायंस अफसर थे।

सेबी ने अपने आदेश में कहा है, "रामकृष्ण के मुताबिक, यह गुमनाम व्यक्ति एक आध्यात्मिक ताकत था। वह जहां चाहे प्रकट हो सकता था। उसका कोई निश्चित पता और ठिकाना नहीं था। वह ज्यादातर हिमालय के पहाड़ों पर रहता था।"

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