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₹1 के सिक्के से ₹500 के नोट तक, करेंसी बनाने पर कितना खर्च करती है सरकार; समझिए पूरा कैलकुलेशन

₹1 के सिक्के से लेकर ₹500 के नोट तक, हर करेंसी बनाने की लागत अलग होती है। सिक्के महंगे पड़ते हैं, नोटों की छपाई भी खर्चीली। जानिए सिक्के और करेंसी बनाने में सरकार कितना खर्च करती है।

Edited By: Suneel Kumarअपडेटेड Oct 02, 2025 पर 2:51 PM
₹1 के सिक्के से ₹500 के नोट तक, करेंसी बनाने पर कितना खर्च करती है सरकार; समझिए पूरा कैलकुलेशन
सिक्के तो भारत सरकार बनाती है, लेकिन ₹2 से लेकर ₹500 तक के नोट छापने की जिम्मेदारी RBI की है।

आज डिजिटल ट्रांजैक्शन और महंगाई के जमाने में ₹1 का सिक्का भले ही मामूली लगे, लेकिन बहुतों के लिए इसकी भावनात्मक अहमियत है। यह सिक्का 1992 से चलन में है। एक RTI के मुताबिक, इसे बनाने में ₹1 से ज्यादा खर्च होता है। 2018 में सामने आई जानकारी के अनुसार, एक ₹1 का सिक्का बनाने की लागत ₹1.11 थी, यानी इसके फेस वैल्यू से अधिक।

कैसे बनता है ₹1 का सिक्का

₹1 का सिक्का स्टेनलेस स्टील से बनता है। इसका डायमीटर 21.93 मिमी, मोटाई 1.45 मिमी और वजन 3.76 ग्राम होता है। मजेदार बात यह है कि दूसरे सिक्के बनाने की लागत थोड़ी कम आती है। जैसे कि ₹2 का सिक्का ₹1.28 में, ₹5 का सिक्का ₹3.69 में और ₹10 का सिक्का ₹5.54 में बनता है।

इन्हें मुंबई और हैदराबाद स्थित गवर्नमेंट मिंट में तैयार किया जाता है। 2018 के बाद की ताजा लागत का डेटा उपलब्ध नहीं है। लेकिन माना जाता है कि 7 साल बाद यानी 2025 तक महंगाई के चलते लागत और बढ़ गई होगी।

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