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हरियाणा सरकार ने बाढ़ प्रभावित किसानों को दीवाली से पहले दिया तोहफा, सीएम सैनी ने मुआवजे का किया ऐलान

Haryana सरकार ने भारी बारिश और बाढ़ से प्रभावित किसानों को दिवाली से पहले प्रति एकड़ 15,000 रुपये तक का मुआवजा देने का ऐलान किया है। इसके अलावा, फसल ऋण की वसूली और ट्यूबवेल के बिजली बिलों के भुगतान को भी दिसंबर 2025 तक स्थगित कर किसानों को वित्तीय राहत दी गई है।

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 02, 2025 पर 5:12 PM
हरियाणा सरकार ने बाढ़ प्रभावित किसानों को दीवाली से पहले दिया तोहफा, सीएम सैनी ने मुआवजे का किया ऐलान

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बाढ़ और भारी बारिश से प्रभावित किसानों के लिए कई बड़ी राहत योजनाओं की घोषणा की है, जिनका उद्देश्य किसानों को आर्थिक मदद देना और फसल उत्पादन को सुरक्षित रखना है। राज्य सरकार ने दिवाली से पहले प्रभावित किसानों को फसल क्षति का मुआवजा देने का वादा किया है। इसके लिए लगभग 5.37 लाख किसानों ने ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपने फसल नुकसान का पंजीकरण कराया है, जिसमें कुल 31 लाख एकड़ भूमि शामिल है। प्रति एकड़ अधिकतम 15,000 रुपये का मुआवजा दिया जाएगा, जिसकी राशि जल्द ही किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी जाएगी।

राज्य सरकार ने बाढ़ से प्रभावित 2,386 परिवारों के लिए पिछले नुकसान की भरपाई के तौर पर लगभग 4.72 करोड़ रुपये सीधे उनके बैंक खातों में भेजे हैं। इसमें मकान क्षति के लिए करीब 4.67 करोड़ और पशुधन नुकसान के लिए 4.21 लाख रुपये शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जिन इलाकों में फसल के 50% से अधिक नुकसान हुआ है, वहां के किसानों से खरीफ ऋण की वसूली फिलहाल स्थगित की जाएगी, साथ ही ऐसे किसानों के लिए आगामी रबी फसलों के लिए नए फसली ऋण की भी व्यवस्था की जाएगी, जिससे लगभग तीन लाख किसानों को राहत मिलेगी।

इसके अतिरिक्त, ट्यूबवेल कनेक्शनों के बिजली बिलों का भुगतान दिसंबर 2025 तक स्थगित किया गया है, जिससे लगभग 7.10 लाख किसानों को आर्थिक बोझ से राहत मिलेगी। बिजली बिल का भुगतान अब बिना किसी अतिरिक्त ब्याज या शुल्क के जनवरी 2026 तक किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किसानों को भरोसा दिलाया कि सरकार उनके साथ हर कदम पर खड़ी है और उनकी हर समस्या का समाधान प्राथमिकता से करेगी।

यह सारी राहत योजनाएं किसानों की आर्थिक कठिनाइयों को कम करने, फसल उत्पादन की सुरक्षा सुनिश्चित करने और आगामी फसलों के लिए बेहतर तैयारी करने में मदद करेंगी। सरकार का यह कदम हरियाणा के कृषि क्षेत्र में स्थिरता लाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, जो किसानों की खुशहाली और क्षेत्रीय विकास में सहायक साबित होगा।

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