Get App

ITR Filing: आप सैलरीड टैक्सपेयर्स हैं? रिटर्न फाइल करने से पहले जानिए फॉर्म-16 में क्या-क्या चेक करना जरूरी है

ITR Filing: सैलरीड टैक्सपेयर्स के रिटर्न फाइल करने के लिए फॉर्म-16 जरूरी डॉक्युमेंट है। इसमें टैक्सपेयर की ग्रॉस इनकम, टैक्सेबल इनकम और काटे गए टैक्स यानी टीडीएस की जानकारी होती है। एंप्लॉयर्स 15 जून तक एंप्लॉयर्स को फॉर्म-16 जारी कर देते हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 02, 2024 पर 5:47 PM
ITR Filing: आप सैलरीड टैक्सपेयर्स हैं? रिटर्न फाइल करने से पहले जानिए फॉर्म-16 में क्या-क्या चेक करना जरूरी है
ITR Filing: सैलरीड टैक्सपेयर्स को फॉर्म-16 में दिए गए टीडीएस के डेटा को फॉर्म 26एएस और एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) से मैच कराने के बाद ही रिटर्न फाइल करना चाहिए।

सैलरीड टैक्सपेयर्स को रिटर्न फाइल करने से पहले अपने फॉर्म-16 में दी गई जानकारियों को ठीक तरह से चेक कर लेना जरूरी है। एंप्लॉयर्स हर साल 15 जून तक एंप्लॉयीज को फॉर्म-16 जारी कर देते हैं। एक्सपर्ट्स फॉर्म-16 मिलने के बाद ही टैक्सपेयर्स को रिटर्न फाइल करने की सलाह देते हैं। इसकी वजह यह है कि फॉर्म-16 में दी गई जानकारियां टैक्सपेयर्स के रिटर्न फाइल करने के लिए आधार का काम करती हैं।

फॉर्म-16 में क्या-क्या जानकारी होती है?

फॉर्म-16 (Form-16) में टैक्सपेयर्स की ग्रॉस इनकम (Taxpayers Gross Income), नेट इनकम और टीडीएस (TDS) सहित कई महत्वपूर्ण जानकारियां होती हैं। टैक्सपेयर्स के लिए यह चेक करना जरूरी है कि इसमें दिए गए डेटा सही हैं या नहीं। अगर कोई डेटा गलत मिलता है तो टैक्सपेयर्स अपनी कंपनी (एंप्लॉयर) के फाइनेंस डिपार्टमेंट को इस बारे में बता सकता है। फाइनेंस डिपार्टमेंट उसे ठीक करके अपडेटेड फॉर्म-16 जारी कर देगा।

फॉर्म-16 के डेटा को 26एएस और एआईएस से मैच कराना जरूरी है

सब समाचार

+ और भी पढ़ें