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अभी लॉन्ग ड्यूरेशन बॉन्ड्स और शॉर्ट ड्यूरेशन बॉन्ड्स में से किसमें निवेश में ज्यादा फायदा?

एक्सपर्ट्स का मानना है कि जब इंटरेस्ट रेट्स घटने की उम्मीद दिख रही हो तो लॉन्ग की जगह शॉर्ट ड्यूरेशन बॉन्ड्स में निवेश में फायदा है। RBI अक्टूबर की मॉनेटरी पॉलिसी में इंटेरस्ट रेट में कमी कर सकता है। इसका असर बॉन्ड्स की कीमतों पर पड़ेगा

MoneyControl Newsअपडेटेड Aug 16, 2025 पर 4:09 PM
अभी लॉन्ग ड्यूरेशन बॉन्ड्स और शॉर्ट ड्यूरेशन बॉन्ड्स में से किसमें निवेश में ज्यादा फायदा?
अगर आरबीआई इंटरेस्ट रेट नहीं घटाता है तो लॉन्ग ड्यूरेशन सेगमेंट में निवेश करने वालों को मार्क-टू-मार्केट लॉस होगा।

आरबीआई ने 5 जून को बैंकिंग सिस्टम में 23,856 करोड़ रुपये डाले। इसके लिए उसने इतने मूल्य के सरकारी बॉन्ड्स खरीदे। केंद्रीय बैंक बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी जरूरत से हिसाब से बनाए रखने के लिए ओपन मार्केट ऑपरेशंस और करेंसी स्वैप ऑक्शंस से जैसे उपाय करता रहता है। हालांकि, हाल में बॉन्ड्स की कीतमों में नरमी देखने को मिली है।

बॉन्ड्स की कीमतों में गिरावट की वजहें

बॉन्ड्स की कीमतों में नरमी की कई वजहें मानी जा रही हैं। आरबीआई के अक्टूबर में इंटरेस्ट रेट घटाने की उम्मीद है। ग्लोबल इकोनॉमी में टैरिफ को लेकर अनिश्चितता की स्थिति है। इससे अमेरिकी और इंडियन बॉन्ड्स की यील्ड के बीच फर्क घटा है। इससे कुछ मुनाफावसूली हुई है। ग्रोथवाइन कैपिटल के सीएफओ और को-फाउंडर शुभम गुप्ता ने कहा, "25,000 करोड़ रुपये के ऑक्शंस से सप्लाई बढ़ी है। लेकिन, यह इतना ज्यादा नहीं है कि यह यील्ड पर असर डाल सके।"

सवाल है कि मौजूदा स्थिति में आपकी फिक्स्ड इनकम स्ट्रेटेजी क्या होनी चाहिए?

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