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New Tax Regime: सैलरीड टैक्सपेयर्स के लिए क्यों बेहतर है नई टैक्स रीजीम, जानें पूरी डिटेल

New Tax Regime: नई टैक्स व्यवस्था नौकरीपेशा कर्मचारियों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है, क्योंकि इसमें कम टैक्स दरें और स्टैंडर्ड डिडक्शन में बढ़ोतरी की गई है। इसमें कुछ डिडक्शन्स का भी लाभ मिलता है, लेकिन पारंपरिक डिडक्शन्स की छूट नहीं है। टैक्सपेयर्स को दोनों व्यवस्था की तुलना करके ही फैसला करना चाहिए।

Suneel Kumarअपडेटेड Apr 27, 2025 पर 8:02 PM
New Tax Regime: सैलरीड टैक्सपेयर्स के लिए क्यों बेहतर है नई टैक्स रीजीम, जानें पूरी डिटेल
वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन को पिछले साल ₹50,000 से बढ़ाकर ₹75,000 कर दिया गया था।

New Tax Regime: न्यू टैक्स रीजीम को अपनाने वाले टैक्सपेयर्स की तादाद तेजी से बढ़ी है। इसमें बड़ी संख्या सैलरीड क्लास की है। वेतनभोगी लोगों के लिए नई टैक्स व्यवस्था को अपनाने के कई फायदे हैं, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण है कम टैक्स दरें। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए नई टैक्स व्यवस्था में ₹15 लाख से अधिक सालाना कमाई के लिए अधिकतम टैक्स दर 30 प्रतिशत तय की गई है। ₹12 लाख से ₹15 लाख के बीच आय वालों पर 20 प्रतिशत और ₹10 लाख से ₹12 लाख के बीच वालों पर 15 प्रतिशत टैक्स दर लागू होगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई 2024 को इन बदलावों की घोषणा करते हुए कहा था कि वेतनभोगी कर्मचारी नई टैक्स व्यवस्था के तहत अधिकतम ₹17,500 तक टैक्स बचा सकते हैं। इसके उलट पुरानी टैक्स व्यवस्था में ₹10 लाख से ऊपर की आय पर ही 30 प्रतिशत टैक्स लागू हो जाता है।

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) के चेयरमैन ने हाल ही कहा था कि अभी तक लगभग 73 प्रतिशत करदाता नई टैक्स व्यवस्था को अपना चुके हैं और अगले वर्ष तक इसके 90 प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना है।

स्टैंडर्ड डिडक्शन में बढ़ोतरी

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