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No Cost EMI: क्या होती है नो-कॉस्ट EMI, क्या सच में नहीं देना होता कोई ब्याज?

No Cost EMI: नो-कॉस्ट EMI सुनने में फ्री जैसी लगती है, लेकिन क्या सच में कोई ब्याज नहीं देना पड़ता? जानिए कैसे रिटेलर और बैंक ब्याज को एडजस्ट करते हैं और किस तरह सही ऑफर चुनकर बचत की जा सकती है।

Suneel Kumarअपडेटेड Sep 04, 2025 पर 11:19 PM
No Cost EMI: क्या होती है नो-कॉस्ट EMI, क्या सच में नहीं देना होता कोई ब्याज?
अगर तकनीकी रूप से देखें, तो 'No Cost EMI' कभी पूरी तरह मुफ्त नहीं होता।

No Cost EMI: त्योहारी सीजन आते ही ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म्स और बैंक 'No Cost EMI' का खूब प्रचार करते हैं। मोबाइल, लैपटॉप, टीवी से लेकर फ्रिज और वॉशिंग मशीन तक, हर जगह यह ऑफर देखने को मिल जाता है। सुनने में तो यह बहुत लुभावना लगता है कि महंगी चीज बिना ब्याज के आसान किस्तों में मिल जाएगी। लेकिन क्या यह सच में 'फ्री' है? आइए एक्सपर्ट समझते हैं नो-कॉस्ट EMI (No Cost EMI)का पूरा खेल।

No Cost EMI कैसे काम करता है?

टैक्समैनेजर.इन के फाउंडर और सीईओ दीपक कुमार जैन का कहना है कि नो-कॉस्ट EMI का मतलब यह होता है कि जब आप कोई प्रोडक्ट किस्तों (EMI) में खरीदते हैं, तो आपको अतिरिक्त ब्याज (interest) नहीं देना पड़ता। लेकिन हकीकत में 'नो कॉस्ट' EMI पूरी तरह से फ्री नहीं होती, बल्कि इसमें ब्याज या चार्जेज को अलग तरीके से एडजस्ट किया जाता है।

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