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NPS और EPF में से कौन बेहतर, क्या दोनों में एक साथ इनवेस्ट किया जा सकता है?

ईपीएफ एक गारंटीड रिटर्न प्लान है। ईपीएफ में जमा पैसे पर फिक्स्ड रेट से इंटरेस्ट मिलता है। उधर, NPS एक मार्केट लिंक्ड स्कीम है। यह एक इनवेस्टमेंट प्लान है, जिसमें इनवेस्टर के पास अपनी पसंद के हिसाब से इनवेस्टमेंट का प्लान और फंड मैनेजर को चुनने का विकल्प होता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jun 26, 2025 पर 4:46 PM
NPS और EPF में से कौन बेहतर, क्या दोनों में एक साथ इनवेस्ट किया जा सकता है?
NPS में रिटायरमेंट पर जमा पैसा के 40 फीसदी हिस्से से एन्युटी खरीदनी पड़ती है। बाकी 60 फीसदी पैसा एकमुश्त मिल जाता है।

रिटायरमेंट फंड बनाने के लिए लोग एनपीएस और ईपीएफ में ज्यादा दिलचस्पी दिखाते हैं। दोनों का लक्ष्य एक है, लेकिन काम करने के तरीके में काफी फर्क है। दोनों के नियम भी अलग हैं। टैक्स के नियमों के लिहाज से भी दोनों में काफी फर्क है। एक बात ध्यान में रखने वाली है कि ईपीएफ में सिर्फ प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वाले लोग कंट्रिब्यूट कर सकते हैं, जबकि एनपीएएस में सेल्फ-एंप्लॉयड लोग भी कंट्रिब्यूट कर सकते हैं। इसका मतलब है कि प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोग ईपीएफ और एनपीएस दोनों ने इनवेस्ट कर सकते हैं। ईपीएफ में निवेश करना उनके लिए अनिवार्य है, जबकि एनपीएस में निवेश करना उनकी इच्छा पर निर्भर करता है।

NPS में अपनी पसंद के हिसाब से निवेश करने का विकल्प

EPF एक गारंटीड रिटर्न प्लान है। ईपीएफ में जमा पैसे पर फिक्स्ड रेट से इंटरेस्ट मिलता है। उधर, NPS एक मार्केट लिंक्ड स्कीम है। यह एक इनवेस्टमेंट प्लान है, जिसमें इनवेस्टर के पास अपनी पसंद के हिसाब से इनवेस्टमेंट का प्लान और फंड मैनेजर को चुनने का विकल्प होता है। इनवेस्टर एग्रेसिव, मॉडरेट और कॉशस में से किसी एक इनवेस्टमेंट एप्रोच को सेलेक्ट कर सकता है। 18 से 70 साल की उम्र का व्यक्ति एनपीएस में इनवेस्ट कर सकता है।

एनपीएस मार्केट लिंक्ड इनवेस्टमेंट स्कीम

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