
Advance Tax: भारत में टैक्स देने का प्रोसेस सिर्फ साल के अंत में नहीं होता। एडवांस टैक्स एक ऐसी सिस्टम है, जिसमें टैक्सपेयर को अपनी सालभर की अनुमानित इनकम के आधार पर टैक्स को किश्तों में जमा करना होता है। यह उन लोगों पर लागू होता है जिनकी कुल टैक्स देनदारी (Tax Liability) 10,000 रुपये से ज्यादा है। चाहे वह पुराने टैक्स रीजीम में हों या नए में।
इसका मतलब है कि अगर आपकी इनकम पर ₹10,000 से अधिक टैक्स बनता है TDS और TCS घटाने के बाद, तो आपको पूरा टैक्स एक बार में नहीं बल्कि चार किश्तों में सरकार को देना होता है।
तीसरी किश्त की आखिरी तारीख – 15 दिसंबर 2025
फाइनेंशियल ईयर 2025-26 (असेसमेंट ईयर 2026-27) के लिए एडवांस टैक्स की तीसरी किश्त 15 दिसंबर 2025 तक जमा करनी है।
इस समय तक टैक्सपेयर को अपनी कुल टैक्स देनदारी का कम से कम 75% हिस्सा चुका देना जरूरी है। अगर ऐसा नहीं किया गया तो इनकम टैक्स विभाग की ओर से नोटिस या ब्याज लग सकता है।
किसे देना जरूरी है एडवांस टैक्स?
टैक्स विशेषज्ञ CA शेफाली मुंद्रा (ClearTax) के मुताबिक हर व्यक्ति चाहे वह individual, HUF, फर्म या कंपनी हो अगर साल की कुल टैक्स देनदारी 10,000 रुपये से अधिक है, तो उसे एडवांस टैक्स देना होगा। हालांकि, वरिष्ठ नागरिक जिनकी उम्र 60 साल से अधिक उन्हे कारोबार या प्रोफेशन से इनकम नहीं है, उन्हें एडवांस टैक्स से छूट दी गई है।
एडवांस टैक्स भरते समय ये गलतियां न करें
CA मुंद्रा के अनुसार कई लोग कुछ आम गलतियां करते हैं, जैसे 10,000 रुपेय की सीमा को नजरअंदाज करना। यह मान लेना कि सभी सीनियर सिटीजन टैक्स से मुक्त हैं। एकमुश्त इनकम जैसे कैपिटल गेन, डिविडेंड या ESOPs को टैक्स कैलकुलेशन में शामिल न करना। हर किश्त में सही प्रतिशत टैक्स न देना, खासकर 15 दिसंबर तक 75% टैक्स न भरना। ऐसा करने पर Section 234C के तहत ब्याज देना पड़ सकता है। गलत असेसमेंट ईयर या माइनर हेड डालकर टैक्स भरना, जिससे पेमेंट मिसमैच हो जाता है।
AIS (Annual Information Statement) की जानकारी से टैक्स कैलकुलेशन न मिलाना, जिससे टैक्स कम भरने की गलती हो जाती है।
एक और गलती तब होती है जब लोग साल में जॉब बदलते हैं और उन्हें दो Form 16 मिलते हैं। कई बार दोनों फॉर्म में स्टैंडर्ड डिडक्शन और बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट दो बार गिनी जाती है, जिससे TDS की गिनती कम दिखती है और बाद में टैक्स का बकाया निकल आता है।
अगर समय पर टैक्स नहीं भरा तो क्या होगा?
CA मुंद्रा बताती हैं कि एडवांस टैक्स लेट भरने पर जुर्माना नहीं, बल्कि ब्याज (Interest) लगता है। Section 234C के तहत अगर तय तारीख तक किश्त नहीं भरी गई, तो 1% प्रति माह की दर से ब्याज लगता है। अगर पूरे साल के अंत तक कुल एडवांस टैक्स 90% से कम जमा हुआ, तो Section 234B के तहत भी 1% मंथली ब्याज देना पड़ता है।
हालांकि, अगर किसी को अचानक अतिरिक्त इनकम जैसे कैपिटल गेन होती है, तो वह अगले इंस्टॉलमेंट या 31 मार्च तक टैक्स भर सकता है। इस स्थिति में ब्याज नहीं लगेगा, बशर्ते टैक्स तय समय सीमा में जमा किया जाए।
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