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प्री-अप्रूव्ड लोन है सैलरी, बैलेंस और आपकी वित्तीय आदतों पर बैंक का भरोसा, जानिए क्यों मिलता है यह ऑफर?

Pre Approved Laon: बैंक ग्राहकों को प्री-अप्रूव्ड लोन उनकी सैलरी, अकाउंट बैलेंस और समय पर किए गए भुगतान के आधार पर ऑफर करते हैं। यह सुविधा भरोसेमंद ग्राहकों को तुरंत फंड उपलब्ध कराती है, लेकिन लेने से पहले शर्तें और क्षमता पर विचार जरूरी है।

Shradha Tulsyanअपडेटेड Dec 10, 2025 पर 3:59 PM
प्री-अप्रूव्ड लोन है सैलरी, बैलेंस और आपकी वित्तीय आदतों पर बैंक का भरोसा, जानिए क्यों मिलता है यह ऑफर?

आजकल कई लोगों को अचानक बैंक से मैसेज या ईमेल मिलता है “आपके लिए प्री-अप्रूव्ड लोन उपलब्ध है”। यह सुनकर अकसर सवाल उठता है कि आखिर बैंक बिना पूछे कैसे तय कर लेते हैं कि हमें लोन चाहिए और हम उसे चुका पाएंगे। दरअसल, इसके पीछे एक बेहद व्यवस्थित प्रक्रिया और आपकी वित्तीय आदतों का गहरा विश्लेषण छिपा होता है।

बैंक किसी भी ग्राहक को प्री-अप्रूव्ड लोन तभी ऑफर करते हैं जब उनके पास उस व्यक्ति की सैलरी, अकाउंट बैलेंस, पुराने EMI रिकॉर्ड और क्रेडिट कार्ड पेमेंट्स जैसी जानकारी मौजूद होती है। उदाहरण के लिए, अगर आपकी सैलरी नियमित रूप से खाते में आती है और उसमें से खर्चों के बाद भी अच्छा बैलेंस बचता है, तो बैंक को भरोसा होता है कि आप लोन की किस्तें समय पर चुका पाएंगे।

इसी तरह, अगर आपने पहले लिए गए लोन की EMI समय पर चुकाई है और क्रेडिट कार्ड का बिल भी बिना देरी के भरते हैं, तो यह आपके क्रेडिट प्रोफाइल को मजबूत बनाता है। ऐसे ग्राहकों को बैंक कम जोखिम वाला मानते हैं और उन्हें तुरंत लोन देने के लिए तैयार रहते हैं। यही वजह है कि प्री-अप्रूव्ड लोन में डॉक्यूमेंटेशन और वेरिफिकेशन की झंझट कम होती है।

ग्राहकों के लिए यह सुविधा कई मायनों में फायदेमंद है। अचानक किसी मेडिकल इमरजेंसी, शादी या घर की मरम्मत जैसे खर्चों के लिए पैसे की जरूरत पड़ जाए तो प्री-अप्रूव्ड लोन तुरंत राहत देता है। वहीं बैंक के लिए भी यह एक स्मार्ट रणनीति है उन्हें भरोसेमंद ग्राहक मिलते हैं और लोन का डिफॉल्ट रिस्क कम हो जाता है।

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