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सैफ अली खान पर हमले के बाद छिड़ी ये नई बहस, बिल्डर्स को पूरी जांच परख के बाद ही मजदूरों को रखने के निर्देश

मुंबई भारत की आर्थिक राजधानी है और यहां देशभर से लोग काम करने आते हैं। सैफ अली खान पर हमले के आरोपी को एक निर्माण स्थल के मजदूर कैंप के पास से गिरफ्तार किया गया। पुलिस के अनुसार वह बांग्लादेशी नागरिक है और छह महीने पहले भारत आया था। हालांकि, आरोपी के वकील ने इस दावे को खारिज किया है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jan 20, 2025 पर 2:21 PM
सैफ अली खान पर हमले के बाद छिड़ी ये नई बहस, बिल्डर्स को पूरी जांच परख के बाद ही मजदूरों को रखने के निर्देश
सैफ अली खान पर हमले के बाद इस मामले में बहस तेज

Saif Ali Khan Attack Case: बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान पर उनके घर में चाकू से हुए हमले का मुद्दा देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। 15 जनवरी की रात को सैफ अली खान और करीना कपूर के बांद्रा स्थित घर में चोर घुस आया था। बच्चों को बचाने के लिए सैफ घुसपैठिये से भिड़ गए जिसने उन पर चाकू से हमला कर दिया। घटना के बाद मुंबई पुलिस ने सैफ अली खान पर हमला करने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया है।

पुलिस के मुताबिक, उसने अपना जुर्म भी कबूल कर लिया है। 30 साल के आरोपी का नाम मोहम्मद शरीफुल इस्लाम शहजाद है, जो बांग्लादेश का रहने वाला बताया जा रहा है।

हमलावर का बांग्लादेशी कनेक्शन

आरोपी के गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने बताया था कि वह पिछले 5-6 महीने से मुंबई में रह रहा था और एक हाउसकीपिंग एजेंसी में काम करता था। हमलावर के पकड़े जाने के बाद एक बार फिर इस बात पर बहस छिड़ गई कि, घरों में काम करने वालों से लेकर बिल्डिंग निर्माण का काम करने वाले मजदूरों का वेरिफिकेशन करना चाहिए। वहीं विकास और निर्माण उद्योग के जानकारों का कहना है कि मजदूरों की पहचान और आपराधिक रिकॉर्ड की पूरी जांच करना एक लगभग असंभव कार्य है।

बता दें कि मुंबई, भारत की आर्थिक राजधानी है और यहां देश के हर कोने से काम करने के लिए लोग आते हैं। वहीं सैफ अली खान मामले में जिस आरोपी को गिरफ्तार किया गया, वो एक निर्माण स्थल के मजदूर कैंप के पास था। जबकि पुलिस का कहना है कि वह बांगलादेशी नागरिक है और करीब छह महीने पहले भारत में प्रवेश किया था। वहीं आरोपी के वकील ने उसके बांगलादेशी नागरिक होने से इनकार किया है।

देश के हर राज्य से आते हैं मजदूर 

एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस घटना के बाद महाराष्ट्र सरकार ने रियल एस्टेट डेवलपर्स और निर्माण एजेंसियों को मजदूरों की पहचान और पृष्ठभूमि की जांच सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। हालांकि, रियल एस्टेट विशेषज्ञों का मानना है कि सभी मजदूरों की पहचान की सटीक जांच करना लगभग असंभव है। कई मजदूर ठेकेदार बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और कुछ पूर्वोत्तर राज्यों से होते हैं और श्रमिकों की भर्ती गांवों और छोटे शहरों से बड़े पैमाने पर की जाती है। अक्सर, इन्हें परियोजना स्थलों या उनके पास अस्थायी मजदूर शिविरों में डेवलपर्स या ठेकेदारों द्वारा रहने के लिए जगह भी दी जाती है।"

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