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फ्लैट की डिलीवरी में देर हुई तो बिल्डर को देना होगा मुआवजा, जानिए RERA का नियम क्या कहता है

बिल्डर के फ्लैट की डिलीवरी में देर करना आम बात है। कुछ मामलों में तो फ्लैट का पजेशन ग्राहक को तय समय के कई साल बाद मिलता है। ज्यादातर ग्राहक इस बारे में रेरा में शिकायत नहीं करते हैं। रेरा के नियम के तहत अगर ग्राहक के समय पर हर किस्त चुकाने के बावजूद बिल्डर पजेशन में देर करता है तो ग्राहक मुआवजे का दावा कर सकता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 11, 2024 पर 4:56 PM
फ्लैट की डिलीवरी में देर हुई तो बिल्डर को देना होगा मुआवजा, जानिए RERA का नियम क्या कहता है
रेरा के नियम के मुताबिक, अगर किसी वजह से बिल्डर तय समय पर फ्लैट की डिलीवरी नहीं कर पा रहा है तो उसे इस बारे में ग्राहक को सूचित करना होगा।

रियल एस्टेट कंपनी का फ्लैट की डिलीवरी में देर करना आम बात है। बहुत कम खरीदारों को समय पर घर की डिलीवरी मिल पाती है। कई लोगों को तो तय समय बीत जाने के कई साल बाद घर की डिलीवरी मिलती है। रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) के नियम में इस बात का साफ उल्लेख है कि अगर ग्राहक के समय पर पैसे का भुगतान करने के बावजूद रियल एस्टेट कंपनी घर की डिलीवरी में दे करती है तो उसे मुआवजा देना होगा।

ज्यादातर रियल एस्टेट कंपनियां मुआवजा ऑफर नहीं करती

ज्यादातर बिल्डर या रियल एस्टेट कंपनियां (Real Estate Companies) घर की डिलीवरी में देरी के बावजूद अपनी तरफ से मुआवजा ऑफर नहीं करती हैं। ज्यादातर ग्राहक भी ऐसे मामलों की रेरा में शिकायत नहीं करना चाहते। इससे रियल एस्टेट कंपनियों की मनमानी बढ़ती है। कर्नाटक रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (Real Estate Regulatory Authority) ने हाल में ऐसे ही एक मामले में घर खरीदार को बड़ी राहत दी है। एक ग्राहक ने 2018 में एक घर खरीदा था। बिल्डर ने तय समय पर फ्लैट की डिलीवरी नहीं की। उसने डिलीवरी का समय आगे बढ़ाने के बारे में भी ग्राहक को सूचित नहीं किया।

तय समय पर किस्त का पेमेंट करने पर ग्राहक मुआवजे का हकदार

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