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SBI UPI Transactions: क्या आपको भी SBI से यूपीआई ट्रांजेक्शन में दिक्कत आती है? जानिए इसकी वजह

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) का यूपीआई ट्रांजेक्शन फेल्यर दूसरे बैंकों के मुकाबले काफी ज्यादा है। इसका असर यूनिफायड पेमेंट्स इंटरफेश (यूपीआई) के सक्सेस रेट रेशियो पर पड़ रहा है

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 11, 2025 पर 4:12 PM
SBI UPI Transactions: क्या आपको भी SBI से यूपीआई ट्रांजेक्शन में दिक्कत आती है? जानिए इसकी वजह
ज्यादातर बड़े बैंकों का टेक्निकल डेक्लाइन (टीडी) 0.1 फीसदी से कम है, जबकि एसबीआई का टीडी मार्च में 0.9 फीसदी तक पहुंच गया।

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) का यूपीआई ट्रांजेक्शन फेल्यर दूसरे बैंकों के मुकाबले काफी ज्यादा है। इसका असर यूनिफायड पेमेंट्स इंटरफेश (यूपीआई) के सक्सेस रेट रेशियो पर पड़ रहा है। नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेट ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के डेटा से यह जानकारी मिली है। एनपीसीआई यूपीआई को ऑपरेट करती है। ज्यादातर बड़े बैंकों का टेक्निकल डेक्लाइन (टीडी) 0.1 फीसदी से कम है, जबकि एसबीआई का टीडी मार्च में 0.9 फीसदी तक पहुंच गया। जनवरी में यह 0.84 फीसदी और फरवरी में 0.34 फीसदी था।

टेक्निकल डेक्लाइन का मतलब

SBI देश का सबसे बड़ा बैंक है। यह सरकारी बैंक है। यूपीआई ट्रांजेक्शन के लिहाज से यह दूसरे बैंकों से काफी आगे है। टेक्निकल डेक्लाइन (TD) का मतलब ऐसे ट्रांजेक्शन से है जो फेल कर जाता है। इसका मतलब है कि यूजर का पैसा टारगेट अकाउंट में ट्रांसफर नहीं होता है। ऐसा तब होता है जब बैंक का सर्वर डाउन होता है या वह कोई रिस्पॉन्स नहीं देता है। NPCI का 'अपटाइम'आम तौर पर 100 फीसदी है। इसका मतलब यह है कि ट्रांजेक्शन पूरा होने में आने वाली दिक्कत के लिए ज्यादातर वह बैंक जिम्मेदार है, जिसके जरिए पेमेंट होता है।

इन बैंकों का फेल्यर रेट काफी कम

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