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Loans Default: बैंकिंग सेक्टर के लिए खतरे की घंटी! क्रेडिट कार्ड और छोटे लोन में बढ़ रहा डिफॉल्ट का खतरा

Loans Default: CRIF रिपोर्ट के मुताबिक, छोटे लोन जैसे क्रेडिट कार्ड, पर्सनल व होम लोन में डिफॉल्ट का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। हालांकि, बड़े लोन सेगमेंट तुलनात्मक रूप से सुरक्षित स्थिति में हैं। जानिए क्या है इसकी वजह।

Edited By: Suneel Kumarअपडेटेड Jul 30, 2025 पर 10:17 PM
Loans Default: बैंकिंग सेक्टर के लिए खतरे की घंटी! क्रेडिट कार्ड और छोटे लोन में बढ़ रहा डिफॉल्ट का खतरा
1 लाख रुपये से कम रकम वाले पर्सनल लोन पर सबसे ज्यादा दबाव है।

Small vs big loans: भारत का रिटेल लोन मार्केट छोटे और बड़े टिकट लोन के बीच साफ तौर पर बंटा हुआ नजर आ रहा है। CRIF हाई मार्क की ‘हाउ इंडिया लेंड्स FY25’ रिपोर्ट के मुताबिक, छोटे लोन में डिफॉल्ट का दबाव लगातार बढ़ रहा है। हालांकि, बड़े लोन की स्थिति पहले की तुलना में बेहतर बनी हुई है। खास तौर पर होम लोन, पर्सनल लोन और टू-व्हीलर लोन जैसे सेगमेंट में यह अंतर साफ दिख रहा है।

होम लोन में छोटे लोन पर दिक्कत

रिपोर्ट बताती है कि 5 लाख रुपये से कम रकम वाले होम लोन में डिफॉल्ट तेजी से बढ़ा है। मार्च 2025 तक इस कैटेगरी में मिड-स्टेज डिफॉल्ट यानी 31 से 90 दिन तक का बकाया 4.94% पहुंच गया। यह मार्च 2023 में 3.72% था। लेट-स्टेज स्ट्रेस यानी 91 से 180 दिन तक का बकाया भी 1.62% से बढ़कर 1.95% हो गया।

वहीं, 75 लाख रुपये से ऊपर के बड़े होम लोन में स्थिति बेहतर हुई है। यहां मिड-स्टेज डिफॉल्ट घटकर 1.11% और लेट-स्टेज स्ट्रेस घटकर 0.18% हो गया है।

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