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Sovereign Gold Bonds: एसजीबी की 30 किस्तें रिडेम्प्शन के लिए आ रही हैं, आपको पैसे निकाल लेने चाहिए या बनाए रखना चाहिए?

सरकार ने 2015 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड लॉन्च किया था। तब से इसकी 67 किस्तें जारी हो चुकी हैं। एसजीबी का मैच्योरिटी पीरियड 8 साल है। लेकिन, पांच साल के बाद इसमें से पैसे निकालने की इजाजत है। इसकी ट्रेडिंग NSE और BSE पर भी होती है

MoneyControl Newsअपडेटेड Aug 27, 2024 पर 10:48 AM
Sovereign Gold Bonds: एसजीबी की 30 किस्तें रिडेम्प्शन के लिए आ रही हैं, आपको पैसे निकाल लेने चाहिए या बनाए रखना चाहिए?
यह ध्यान में रखना जरूरी है कि एसजीबी में कैपिटल गेंस को टैक्स से छूट तभी मिलती है जब आप आरबीआई के प्रीमैच्योर एग्जिट विंडो के जरिए इसका रिडेम्प्शन करते हैं।

अगले छह महीनों में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) की 30 किस्तें रिडेम्प्शन के लिए आ रही हैं। इनमें से कई तय समय से पहले रिडेम्प्शन वाली किस्तें हैं। इसका मतलब है कि ये पांच, छह और सात साल पुरानी हो गई हैं। यह ध्यान में रखना जरूरी है कि एसजीबी में कैपिटल गेंस को टैक्स से छूट तभी मिलती है जब आप आरबीआई के प्रीमैच्योर एग्जिट विंडो के जरिए इसका रिडेम्प्शन करते हैं। अगर आप इस विंडो का इस्तेमाल नहीं करते हैं और स्टॉक एक्सचेंजों के जरिए एसजीबी को बेचते हैं तो कैपिटल गेंस पर टैक्स चुकाना होगा।

छह महीनों में रिडेम्प्शन के लिए खुल जाएंगी 30 किस्तें

RBI साल में दो बार यह लिस्ट जारी करता है। इसके जरिए SGB के निवेशकों को यह बताया जाता है कि प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन के लिए अप्लिकेशन देने की अंतिम तारीख क्या है। इस लिस्ट के मुताबिक एसजीबी की 30 किस्तें हैं, जिनके निवेशक अगले छह महीनों में समय से पहले रिडेम्प्शन कर सकते हैं। इनमें से सात ऐसी किस्तें हैं, जिनके अगले छह महीनों में 5.5 साल, 6.5 साल और 7.5 साल पूरे हो जाएंगे।

आरबीआई सरकार की तरफ से एसजीबी की किस्तें जारी करता है

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