असेसमेंट ईयर 2020-21 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि आने में अब एक सप्ताह से भी कम समय बचा है। ITR फाइल करने की लास्ट डेट 31 दिसंबर, 2020 है। अगर आपकी आमदना 5 लाख रुपये से कम है तो आपको इनकम टैक्स नहीं चुकाना होगा। लेकिन अगर आपकी आमदनी 5 लाख रुपये से अधिक है तो आपको इनकम टैक्स भरना होगा। ऐसे में हर व्यक्ति चाहता है कि उसकी आमदनी में से कम से कम हिस्सा इनकम टैक्स के रूप में सरकार के पास जाए। अपनी टैक्स योग्य इनकम को कम करने के लिए इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के अलावा कई तरह के डिडक्शन उपलब्ध हैं, लेकिन इनके साथ कुछ शर्तें जुड़ी हैं।
सेक्शन 80C के तहत लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम, प्रोविडेंट फंड (PF) में योगदान, कुछ इक्विटी शेयर या डिबेंचर का सब्सक्रिप्शन आदि पर टैक्स बेनिफिट मिलता है। इसके तहत छूट की सीमा 1.5 लाख रुपये है। इनकी मदद से आप अपनी टैक्स देनदारी को कम कर सकते हैं। आज जानते हैं 80C के अलावा ऐसे टैक्स डिडक्शंस के बारे में, जिनसे आप टैक्स बेनिफिट हासिल कर सकेंगे और भारी-भड़कम टैक्स देने से बच जाएंगे।
सेक्शन 80D: हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम और मेडिक्लेम
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80D के तहत हर साल अपने और अपने परिवार के लिए मेडिकल इंश्योरेंस के 25,000 रुपये तक के प्रीमियम पर टैक्स छूट पा सकते हैं। वहीं, माता-पिता के लिए मेडिक्लेम के प्रीमियम के भुगतान पर अतिरिक्त 25,000 रुपये का टैक्स बेनिफिट मिलता है। लेकिन अगर पेरेंट्स की उम्र उम्र 60 साल से ज्यादा है तो 50,000 रुपये तक टैक्स डिडक्शन प्राप्त कर सकते हैं। यानी मेडिक्लेम पर आप 75,000 रुपये तक टाक्स छूट पा सकते हैं।
सेक्शन 80G: फंड, चैरिटेबल इंस्टीट्यूशन में डोनेशन
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80G के तहत अगर टैक्सपेयर ने किसी मान्यता प्राप्त संस्थान या चैरिटेबल इंस्टीट्यूशन को डोनेशन दिया है तो 10% से लेकर 100% तक टैक्स डिडक्शन के लिए क्लेम कर सकते हैं। जैसे पीएम रिलीफ फंड में डोनेशन देने पर 100% तक टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। वहीं, कुछ कैटेगरी के चैरिटेबल इंस्टीट्यूशन और फंड को डोनेशन देने की सीमा टोटल इनकम के 10% से 50% तक निर्धारित है। लेकिन आप 2,000 रुपये से ज्यादा के डानेशन कैश में नहीं दे सकते हैं।
सेक्शन 80E: उच्च शिक्षा के लिए एजुकेशन लोन पर इंटरेस्ट
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80E के तहत उच्च शिक्षा के एजुकेशन लोन के इंटरेस्ट के भुगतान पर आप टैक्स डिडक्शन के लिए क्लेम कर सकते हैं। हालांकि यह लोन किसी दोस्त या रिश्तेदार से नहीं, बल्कि किसी बैंक या वित्तीय संस्तान से लिया गया होना चाहिए। अपने, अपने बच्चे या किसी अन्य आश्रित के लिए एजुकेशन लोन के ब्याज भुगतान पर छूट उपलब्ध है। यह डिडक्शन अधिकतम 6 वित्त वर्ष के लिए क्लेम किया जा सकता है।
Section 80 DDB: मेडिकल ट्रीटमेंट
अगर टैक्सपेयर कैंसर, एड्स, न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर जैसी किसी बीमारी का खुद या किसी डिपेंडेट का इलाज करा रहा है तो इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन Section 80 DDB 40,000 रुपये तक की टैक्स छूट प्राप्त कर सकता है। वहीं, सीनियर सिटीजंस के मामले में यह छूट एक लाख रुपये तक है।
इन पर भी मिलता है टैक्स डिडक्शन
सेक्शन 80U
अगर टैक्सपेयर में कोई डिसेबिलिटी है तो वह 75,000 हजार रुपये से 1.25 लाख रुपये तक डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं।
सेक्शन 80EEB
इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए लोन के ब्याज के 1.5 लाख रुपये तक के भुगतान पर टैक्स छूट मिलती है।
सेक्शन 80GG
अगर टैक्सपेयर को HRA नहीं मिलता है तो महीने में 5,000 रुपये तक या इनकम का 25% या इनकम के 10% चुकाए गए किराये को घटाकर निकली राशि पर टैक्स बेनिफिट क्लेम कर सकते हैं।
सेक्शन 80EE
रेजिडेंशियल हाउस प्रॉपर्टी के लिए लोन पर 50,000 रुपये तक के ब्याज पर डिडक्शन मिलता है।
सेक्शन 80EEA
कुछ हाउस प्रॉपर्टी (अफॉर्डेबल हाउसिंग) पर लिए लोन के संबंध में 1.5 लाख रुपये तक के ब्याज पर टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं।
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