जब एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को दौलत ट्रांसफर की जाती है तो दुनिया के कुछ देशों में वेल्थ डिस्ट्रीब्यूशन का सिस्टम है और इस पर टैक्स भी लगता है। अब अपने देश में भी इसे लेकर बहस शुरू हुई है। इस मामले में अब ब्रोकरेज फर्म जीरोधा (Zerodha) के को-फाउंडर निखिल कामत (Nikhil Kamath) ने इनहेरिटेंस टैक्स (Inheritance Tax) का सपोर्ट किया है। एक मीडिया संस्थान से बातचीत में निखिल कामत ने कहा कि जब एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक संपत्ति को ट्रांसफर किया जाता है तो ऐसा होना चाहिए कि इसके एक हिस्से को रीडिस्ट्रिब्यूट किया जा सके। इसे लेकर इनहेरिटेंस टैक्स लाया जा सकता है।
जीरोधा के को-फाउंडर निखिल कामत का बयान ऐसे समय में आया है, जब वेल्थ डिस्ट्रीब्यूशन को लेकर बहस छिड़ी हुई है। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन सैम पित्रोदा ने हाल ही में अमेरिका में इनहेरिटेंस टैक्स को लेकर टिप्पणी की थी जिसने भारत में लोकसभा चुनाव के दौरान वेल्थ डिस्ट्रिब्यूशन को लेकर बहस छेड़ दी। इसे लेकर पीएम मोदी ने कांग्रेस पार्टी की आलोचना की है। उन्होंने कांग्रेस पर लोगों की संपत्तियों और अधिकारों को छीनने के खतरनाक इरादे का आरोप लगाया है। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने चेताया कि कांग्रेस पार्टी की योजना उत्तराधिकार में मिली संपत्ति पर टैक्स लगाने की है।
सैम पित्रोदा का बात करें तो उन्होंने शिकागो में जिक्र किया कि भारत में इनहेरिटेंस टैक्स नहीं है और ऐसी नीतियां लाई जानी चाहिए जो वेल्थ रीडिस्ट्रिब्यूशन को प्रमोट करे। उन्होंने अमेरिका के इनहेरिटेंस टैक्स सिस्टम का उल्लेख किया जिसके तहत किसी शख्स की संपत्ति जब विरासत में आगे बढ़ती है तो इसके एक अहम हिस्से पर टैक्स लगता है। उन्होंने कहा कि किसी शख्स की मौत के बाद उसकी कुछ दौलत को पब्लिक के लिए छोड़ देना चाहिए।
किसी शख्स की मौत पर उसके परिजनों को जो संपत्ति मिलती है, उस पर जो टैक्स लगाया जाता है, वह इनहेरिटेंस टैक्स है। इस प्रकार का टैक्स दुनिया के कई देशों में हैं। इस टैक्स का मकसद दौलत के रीडिस्ट्रिब्यूट और आर्थिक समानता को बढ़ावा देना है।