रिटायरमेंट के बाद आर्थिक स्वतंत्रता के लिए नियमित आय का होना बेहद जरूरी है। वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार, सही निवेश और आय स्रोत चुनकर वृद्धावस्था में भी अच्छी आय अर्जित की जा सकती है।

रिटायरमेंट के बाद आर्थिक स्वतंत्रता के लिए नियमित आय का होना बेहद जरूरी है। वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार, सही निवेश और आय स्रोत चुनकर वृद्धावस्था में भी अच्छी आय अर्जित की जा सकती है।
पेंशन प्लान और प्रोविडेंट फंड
रिटायरमेंट प्लानिंग में पेंशन प्लान बहुत उपयोगी है, जिसमें पहले प्रीमियम चुकाने के बाद भविष्य में नियमित मासिक या वार्षिक पेंशन मिलती है। इसके अलावा, एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड (ईपीएफ) भी नियमित ब्याज के साथ अच्छी बचत का माध्यम है, जो धीरे-धीरे बड़ा कार्पस बनाता है।
राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS)
एनपीएस भी एक प्रभावी विकल्प है, जो सरकार द्वारा समर्थित है। इसमें नियमित योगदान के बाद 60 साल की उम्र के बाद 60% राशि नकद प्राप्त कर सकते हैं और बाकी को एन्युटी के माध्यम से नियमित आय में बदला जा सकता है।
फिक्स्ड डिपॉजिट एवं स्टॉक विकल्प
फिक्स्ड डिपॉजिट से स्थिर लेकिन कम ब्याज मिलता है, जबकि डिविडेंड स्टॉक्स से बेहतर रिटर्न के साथ नियमित आय संभावित है। निवेश पोर्टफोलियो को समय-समय पर संतुलित रखना आवश्यक होता है ताकि जोखिम कम रहे और आय बनी रहे।
ऑनलाइन और कंसल्टेंसी आधारित आय
अगर स्वास्थ्य और इच्छा हो तो ऑनलाइन ट्यूशन, कंसल्टेंसी या ब्लॉगिंग जैसे विकल्पों से भी रिटायरमेंट के बाद आराम से आय अर्जित की जा सकती है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अपनी विशेषज्ञता का उपयोग कर भी आय के नए स्रोत बन सकते हैं।
रिटायरमेंट के बाद निष्क्रिय आय के लिए सही निवेश और स्मार्ट विकल्प चुनना आवश्यक है। पेंशन, प्रोविडेंट फंड, एनपीएस, और डिविडेंड स्टॉक्स के संग-साथ नई डिजिटल योजनाएं भी वृद्धावस्था में फाइनेंसियल सिक्योरिटी सुनिश्चित करती हैं। इस तरह की योजना से वृद्धावस्था भी खुशहाल और आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनती है।
Disclaimer: आपके लिए यह जरूरी है कि निवेश करते समय जोखिम समझें और संतुलित निवेश करें ताकि आय का स्थायी स्रोत बना रहे।
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