लोन गारंटर बनने से पहले समझ लें ये 7 जोखिम, नहीं तो जिंदगी भर पड़ेगा पछताना

क्या सिर्फ एक साइन आपकी जिंदगी भी बर्बाद कर सकता है? अगर बात लोन गारंटर बनने की है, तो इस सवाल का जवाब हां में भी हो सकता है। लोन गारंटर बनने का मतलब सिर्फ मदद नहीं, बल्कि भारी वित्तीय और कानूनी जोखिम उठाना भी है। आइए जानते हैं कि लोन गारंटर बनने से पहले आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

अपडेटेड Mar 25, 2025 पर 2:48 PM
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अगर आपने एक बार गारंटर के रूप में साइन कर दिया, तो उससे निकलना लगभग नामुमकिन होता है।

Loan Guarantor Risks: हम भारतीय रिश्तों और भरोसे को बहुत अहमियत देते हैं। दोस्त, रिश्तेदार, सहकर्मी- किसी को भी मदद की जरूरत हो, तो हम बिना सोचे-समझे आगे बढ़ जाते हैं। लेकिन जब बात लोन का गारंटर (Loan Guarantor) बनने की आती है, तो ये सिर्फ एक 'मदद' नहीं, बल्कि बड़ी जिम्मेदारी और जोखिम बन जाती है।

'बस एक साइन करना है, कुछ नहीं होगा'- अगर ऐसा कहकर कोई करीबी आपको लोन गारंटर बना रहा है, तो संभल जाइए। अगर उधारकर्ता (borrower) लोन नहीं चुका पाया, तो गारंटर बनने के बाद पूरी जिम्मेदारी आप पर आ सकती है। इसलिए, गारंटर बनने से पहले 7 बड़े जोखिम को जरूर समझ लें।

कर्ज चुकाने का जिम्मा आपका!


अगर मुख्य उधारकर्ता लोन नहीं चुकाता, तो बैंक सीधे गारंटर यानी आपसे वसूली कर सकता है। बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान पहले उधारकर्ता से पैसा वसूलने की कोशिश किए बिना भी गारंटर से सीधा भुगतान मांग सकते हैं। आपके खिलाफ केस दर्ज हो सकता है। बैंक आपको डिफॉल्टर घोषित कर सकता है। आपकी सैलरी, बैंक अकाउंट, या प्रॉपर्टी तक सीज की जा सकती है। यानी मामला सिर्फ आर्थिक ही नहीं, कानूनी भी हो सकता है!

क्रेडिट स्कोर हो सकता है बर्बाद

अगर कर्ज लेने वाला शख्स EMI नहीं चुकाता, तो यह आपके क्रेडिट स्कोर को भी प्रभावित करेगा। इससे भविष्य में आपके लिए खुद लोन लेना मुश्किल हो सकता है। बैंक आपको ऊंची ब्याज दर पर कर्ज देंगे या फिर सीधे मना भी कर सकते हैं। RBI डेटा के अनुसार, पर्सनल लोन ग्रोथ पहले ही धीमी हो रही है, ऐसे में लोन अप्रूवल और कठिन हो सकता है।

भारी-भरकम लगेगा जुर्माना

अगर लोन लेने वाला उसे चुकाने में फेल हो जाता है, तो बैंक आपसे वसूली करेंगे। फिर आपको सिर्फ मूल राशि (principal) ही नहीं, बल्कि ब्याज (Interest), लेट फीस (Late Fee), पेनाल्टी (Penalty Charges) और प्रोसेसिंग फीस भी चुकानी पड़ सकती है। इसका मतलब है कि अगर लोन अमाउंट बड़ा है, तो यह कर्ज आपके लिए जीवनभर की परेशानी का सबब बन सकता है!

कोर्ट-कचहरी का झंझट

जब कर्ज लेने वाला शख्स डिफॉल्ट करता है, तो बैंक सीधे गारंटर यानी आपको नोटिस भेज सकता है। आपके खिलाफ लीगल केस भी हो सकता है। ऐसे में आपको वकील की भारी फीस चुकानी पड़ सकती है। अपने जरूरी काम धंधे छोड़कर लगातार कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं। कहने का मतलब कि जिस मदद के लिए आपने एक साइन किया था, वह सालों का कानूनी झंझट बन सकता है।

गारंटर बनने के बाद पीछा छुड़ाना मुश्किल

अगर आपने एक बार गारंटर के रूप में साइन कर दिया, तो उससे निकलना लगभग नामुमकिन होता है। जब तक उधारकर्ता कोई दूसरा गारंटी देने वाला नहीं लाता या पर्याप्त संपत्ति गिरवी नहीं रखता, आप बंधे रहेंगे। कई मामलों में बैंक गारंटर को हटाने की इजाजत ही नहीं देते। इसलिए गारंटर बनने का फैसला अच्छे से सोच-समझने के बाद लें।

रिश्तों में दरार और तनाव

सोचिए, आपने किसी करीबी दोस्त या रिश्तेदार के लिए गारंटर बनने का फैसला लिया। लेकिन जब वह लोन चुकाने में नाकाम हो गया, तो क्या होगा? आपके रिश्ते बिगड़ सकते हैं। तनाव और डिप्रेशन बढ़ सकता है। आर्थिक संकट का बोझ आपको मानसिक रूप से परेशान कर सकता है। इसलिए गारंटर बनने से पहले इस "इमोशनल प्रेशर" को भी ध्यान में रखें।

संपत्ति तक जब्त होने खतरा

अगर मामला कोर्ट तक गया और फैसला आपके खिलाफ आया, तो चीजें हद से ज्यादा बिगड़ सकती हैं। बैंक आपके बैंक अकाउंट सीज कर सकता है। गाड़ी, घर, प्लॉट, सोना जैसी संपत्ति जब्त कर सकता है। अगर आसान शब्दों में कहें, तो आपको वित्तीय रूप से बर्बाद कर सकता है।

किन धाराओं में दर्ज होता है केस?

भारतीय कानून में Indian Contract Act, 1872 (धारा 126, 128, 133, 139) जैसे नियम लोन डिफॉल्ट से जुड़े मामलों में लागू होते हैं। इसके अलावा Bharatiya Nyaya Sanhita (BNS), 2023 की धारा 318 (धोखाधड़ी) और धारा 319 (छल से पहचान बदलकर धोखा देना) भी कुछ मामलों में लागू हो सकती हैं।

तो क्या लोन गारंटर बनना ही नहीं चाहिए?

किसी का गारंटर बनना बेशक भावनात्मक और मददगार फैसला हो सकता है, लेकिन इसके जोखिमों को समझना बेहद जरूरी है। अगर उधारकर्ता पूरी तरह से भरोसेमंद है, उसकी आर्थिक स्थिति मजबूत है और वह समय पर भुगतान कर सकता है, तो गारंटर बनने पर विचार किया जा सकता है।

लेकिन इसके लिए पहले सभी कानूनी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ना, किसी वित्तीय विशेषज्ञ से सलाह लेना और अपनी वित्तीय स्थिति का आकलन करना बेहद जरूरी है। अगर आपको जरा भी संदेह है या आपकी आर्थिक स्थिति स्थिर नहीं है, तो तो गारंटर बनने से साफ इनकार कर देना ही बेहतर होगा।

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Suneel Kumar

Suneel Kumar

First Published: Mar 25, 2025 2:48 PM

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