
अगर आपका बैंक खाता लंबे समय से इस्तेमाल नहीं हुआ है, तो अलर्ट हो जाएं। RBI के नियमों के अनुसार लगातार 10 साल तक खाते में कोई ट्रांजेक्शन नहीं होता, तो बैंक उस खाते को डोरमैट अकाउंट यानी निष्क्रिय घोषित कर देता है। यह नियम सेविंग अकाउंट, करेंट अकाउंट और यहां तक कि मैच्योर हो चुकी FD पर भी लागू होता है। डोरमैट अकाउंट होने के बाद खाता बैंक की इनएक्टिव लिस्ट में चला जाता है, उस पर ब्याज मिलना बंद हो सकता है और उसमें से पैसे निकालना या ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करना मुमकिन नहीं रहता। हालांकि, RBI बैंकों को ग्राहक से संपर्क करने का निर्देश देता है, लेकिन कई बार लोगों को पता ही नहीं चलता कि उनका खाता निष्क्रिय हो चुका है।
कैसे शुरू करें डोरमैट अकाउंट?
खाता दोबारा चालू कराने का पहला कदम है KYC अपडेट करना। इसके लिए आपको अपने बैंक की होम ब्रांच पर जाना होगा और ये डॉक्यूमेंट ले जाने होंगे।
आधार कार्ड
PAN कार्ड
पासपोर्ट साइज फोटो
नया पता बदलने पर एड्रेस प्रूफ
बैंक आपके डॉक्यूमेंट व पहचान की जांच करेगा और रिकॉर्ड अपडेट कर देगा। इसके बाद आपसे एक छोटा ट्रांजेक्शन जैसे 100 रुपये जमा करना या निकालना करने को कहा जा सकता है, ताकि खाते में नई एक्टिविटी जुड़ जाएं। आमतौर पर बैंक 2–5 दिनों में अकाउंट फिर से एक्टिव कर देता है।
ध्यान रखें ये चार्जेस
RBI ने बैंकों को डोरमैट अकाउंट अकाउंट बनाने पर कोई फीस न लेने का निर्देश दिया है। लेकिन री-एक्टिवेशन के बाद कुछ पुराने चार्जेस सामने आ सकते हैं। इसमें
SMS अलर्ट चार्जेज
मिनिमम बैलेंस पेनल्टी
चेकबुक चार्जेस
इनमें से कई चार्जेस सालों तक जमा होते रहते हैं और ग्राहक को पता भी नहीं चलता।
कभी-कभी बैंक पुराने KYC, एड्रेस या सिग्नेचर वैरिफिकेशन में समय लगाते हैं, जिससे प्रक्रिया 1–2 हफ्ते भी खिंच सकती है। अगर खाते से जुड़ा मोबाइल नंबर या ईमेल पुराना है, तो समय और बढ़ सकता है। कुछ मामलों में बैंक यह भी चेक करता है कि आपका पुराना बैलेंस कहीं RBI के Depositor Education and Awareness Fund (DEAF) में तो ट्रांसफर नहीं हो चुका।
अगर आपका पैसा RBI के पास चला गया है, तब क्या?
अगर आपका खाता 10 साल तक इनएक्टिव रहा, तो बैंक उस खाते का पैसा RBI के DEAF फंड में भेज देता है। लेकिन अच्छी खबर यह है कि आप यह पैसा कभी भी वापस ले सकते हैं।
क्या डोरमैट अकाउंट अकाउंट ऑनलाइन री-एक्टिव हो सकता है?
नहीं। RBI के नियमों के अनुसार KYC की फिजिकल वेरिफिकेशन जरूरी है, इसलिए आपको ब्रांच जाना ही होगा।
अगर मेरा सिग्नेचर बदल गया है?
बैंक आपका नया सिग्नेचर लेगा और ज़रूरत होने पर एक लिखित या नोटराइज्ड डिक्लेरेशन मांगेगा।
क्या 10 साल बाद भी मेरा पैसा सुरक्षित है?
हां। पैसा RBI के DEAF फंड में सुरक्षित रहता है और आप इसे कभी भी क्लेम कर सकते हैं।
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