PAN and PRAN benefits: पैन (PAN) और PRAN सुनने में एक जैसे लग सकते हैं, लेकिन इनका काम पूरी तरह से अलग हैं। पैन और PRAN दोनों ही अपनी जगह फाइनेंशियल कामों के लिए जरूरी है। परमानेंट अकाउंट नंबर (PAN) 10 अंकों का यूनीक नंबर होता है। जबकि, परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर (PRAN) 12 अंकों का यूनीक नंबर होता है। भारत में सभी टैक्सपेयर्स के लिए पैन अनिवार्य है। इनकम टैक्स विभाग का जारी पैन कार्ड टैक्स से जुड़े सभी कामों के लिए जरूरी है। जबकि, नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में निवेश करने वालों के लिए PRAN कार्ड जरूरी है।