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PAN और PRAN नंबर में क्या है अंतर? जानें दोनों के इस्तेमाल और फायदे

PAN and PRAN benefits: पैन (PAN) और PRAN सुनने में एक जैसे लग सकते हैं, लेकिन इनका काम पूरी तरह से अलग हैं। पैन और PRAN दोनों ही अपनी जगह फाइनेंशियल कामों के लिए जरूरी है। परमानेंट अकाउंट नंबर (PAN) 10 अंकों का यूनीक नंबर होता है। जबकि, परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर (PRAN) 12 अंकों का यूनीक नंबर होता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 04, 2023 पर 5:43 PM
PAN और PRAN नंबर में क्या है अंतर? जानें दोनों के इस्तेमाल और फायदे
परमानेंट अकाउंट नंबर (PAN) 10 अंकों का यूनीक नंबर होता है।

PAN and PRAN benefits: पैन (PAN) और PRAN सुनने में एक जैसे लग सकते हैं, लेकिन इनका काम पूरी तरह से अलग हैं। पैन और PRAN दोनों ही अपनी जगह फाइनेंशियल कामों के लिए जरूरी है। परमानेंट अकाउंट नंबर (PAN) 10 अंकों का यूनीक नंबर होता है। जबकि, परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर (PRAN) 12 अंकों का यूनीक नंबर होता है। भारत में सभी टैक्सपेयर्स के लिए पैन अनिवार्य है। इनकम टैक्स विभाग का जारी पैन कार्ड टैक्स से जुड़े सभी कामों के लिए जरूरी है। जबकि, नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में निवेश करने वालों के लिए PRAN कार्ड जरूरी है।

पैन क्या है?

आयकर विभाग (Income Tax Department) के जारी पैन या स्थायी खाता संख्या 10 अंक का यूनीक नंबर जो कि अल्फान्यूमेरिक होता है। सभी टैक्सपेयर्स को दिए गए नंबर की मदद से, विभाग सभी टैक्स से जुड़ी ट्रांजेक्शन और जानकारियों का रिकॉर्ड रखने के साथ मैनेज करता है। सभी टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स से जुडे काम जैसे आईटीआर दाखिल करना, रिफंड का क्लेम करना और रिवाइज रिटर्न फाइल करने के लिए लिए पैन अनिवार्य है।

PRAN क्या है?

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